मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंपा प्रस्ताव
दिव्य हिमाचल व्यूरो-बीबीएन
मुख्य संसदीय सचिव (उद्योग, राजस्व एवं शहरी व ग्राम योजना) राम कुमार चौधरी ने सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी हिमाचल के रास्ते हरियाणा तक पहुंचाने से सबंधित एक प्रस्ताव प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को सौंपा है। सीपीएस ने नालागढ़ उपमंडल में सिंचाई व पेयजल की बढ़ती किल्लत को दूर करने व गिरते भू-जल स्तर में सुधार का हवाला देते हुए एसवाईएल नहर का पानी नालागढ़ बद्दी के रास्ते हरियाणा पहुंचाने के विकल्प पर प्राथमिकता से विचार का आग्रह किया है। बता दें कि हरियाणा सरकार पहले ही एसवाईएल नहर का पानी हिमाचल के रास्ते लाने के लिए कदमताल कर रही है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने अपने पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के सहयोग से सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी लाने का विकल्प तैयार किया है। चर्चा है की इस विकल्प पर 67 किलोमीटर का रूट बनेगा, जिस पर नहर बनाने में 4200 करोड़ रुपए का खर्च आना प्रस्तावित है।
बात सिर्फ हिमाचल प्रदेश के मुनाफे को लेकर अटकी हुई है। आगामी सोमवार को इस मसले पर हिमाचल व हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के बीच एक अहम बैठक भी होने वाली है। जानकारी के मुताबिक सीपीएस राम कुमार ने सीएम को सौंपे प्रस्ताव में कहा है कि नालागढ़ उपमंडल से होकर निकलने वाली सरसा नदी पंजाब व हरियाणा की सरहदों से सटी हुई है, अगर सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी रोपड़ से वाया नालागढ़ बददी सरसा नदी के जरिए डायवर्ट करने पर विचार किया जाए तो यह इस क्षेत्र के लिए सिंचाई के लिए तो वरदान साबित होगा, साथ ही हरियाणा को इस नहर के जरिए पानी पहु़ंचा कर राजस्व बढ़ौतरी का रास्ता भी खुल सकता है । सीपीएस ने बताया कि दून व नालागढ़ विस क्षेत्र में टयूबवैलों की भरमार व भूजल के निंरतर हो रहे दोहन से भूजल स्तर गिरता जा रहा है, उन्होंने जिक्र करते हुए कहा कि करीब तीन दशक पहले जो 20 उठाऊ सिंचाई योजनाएं शुरू की गई थी वह भूजल स्तर के गिरने से बंद होने के कगार पर है। सीपीएस राम कुमार ने सीएम से आग्रह किया की भाखड़ा डैम से नहर के माध्यम से सरसा नदी में पानी डालकर हमारे इस क्षेत्र से होते हुए इस पानी को हरियाणा की तरफ नहर बनाकर पहुंचाया जिससे दून व नालागढ़ विस क्षेत्र में आने वाले बर्षों में विकराल होने वाली पानी की समस्या से राहत मिलेगी वहीं हरियाणा को पानी पहुंचाकर हिमाचल को रायल्टी के रूप में राजस्व का रास्ता भी खुलेगा जिससे प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का आपका सपना भी साकार होगा।