हम डीपीआर-सर्वे के मुताबिक ही बना रहे नेशनल हाई-वे

By: Jun 7th, 2023 12:02 am

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-हमीरपुर
हमीरपुर से मंडी बन रहे नेशनल हाई-वे 03 के निर्माण कार्य ने जहां ग्रामीणों की मुसीबतें बढ़ा दी है वहीं, मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवेज मंत्रालय के अधिकारी भी परेशानी में हैं। इसके साथ ही कुछ खुलासे इस बात की ओर भी इशारा कर रे हैं कि डीपीआर और सर्वे में कहीं न कहीं धांधलियां भी हुई हैं। जानकारी के मुताबिक डीपीआर और सर्वे में रसूखदारों को हर संभव तरीके से बचाने का प्रयास किया गया है। इसमें एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभाग पर अंगुलियां उठना शुरू हो गई हैं। हमीरपुर से मंडी नेशनल हाई-वे 03 को मिनिस्ट्री ऑफ रोड एंड ट्रांसपोर्ट और हाईवेज मंत्रालय ने 2022 में अपने अधीन लिया था।

राजमार्ग का सर्वे पीडब्ल्यूडी और नेशनल हाई-वे विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में हुआ था। मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवेज मंत्रालय के हमीरपुर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमित चौबे के अनुसार उन्हें जो सर्वे और डीपीआर मिली है उसी के मुताबिक काम हो रहा है। एनएच- 03 प्रभावित पीडि़त मंच का डेपुटेशन हमीरपुर के कृष्णा नगर स्थित मंत्रालय के दफ्तर में मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मिला था । प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने नाराजगी जताई थी कि रसूखदार और पीडब्ल्यूडी और एनएच विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और उनके चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए सर्वे मे हेरफेर हुई है। इस पर प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमित चौबे ने कहा कि स्थानीय लोग सोच रहे हैं कि राजमार्ग का सर्वे भी हमारे मंत्रालय द्वारा किया गया है जबकि ऐसा नहीं है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से साफ तौर पर कहा कि जून 2022 को उन्होंने इस राजमार्ग को टेकओवर किया था। जिसके बाद निर्माण की समस्त जिम्मेदारी उनके मंत्रालय की है। डीपीआर के मुताबिक ही राजमार्ग का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है।

पिछले सर्वे जनहित में थे

उधर प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का कहना था कि इससे पहले भी काफी सर्वे हुए थे जो कि लोगों की सुविधाओं के अनुरूप काफी बेहतर थे और जनहित में थे। उनका कहना था कि इस नए फाइनल सर्वे को लेकर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग बेघर हो गए है। यह सर्वे एनएच और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों और रसूखदार लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ही किया गया है। यहां तक की रसूखदार लोगों को अधिक मुआवजा मिला और आम लोगों को ऊंट के मुंह में जीरा की तर्ज पर प्रदान किया गया। यहां तक की कई लोगों की दुकानों और रिहायशी मकानों को बिना मुआवजे के तोड़े हुऐ करीब एक साल हो गया है, अभी तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला। इस मौके पर मंत्रालय के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमित चौबे और साइट इंजीनियर सुशील कुमार ठाकुर और मंच के प्रतिनिधिमंडल में प्रधान अमीचंद, उपप्रधान हाकम सिंह डोगरा, जोगराज ठाकुर, मेहर सिंह, अजय भूनाल महासचिव अजय चौहान आदि मौजूद रहे।


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