कृष्णानगर में हुए हादसे की जांच करवाएगी सरकार

By: Aug 21st, 2023 12:10 am

11 साल पहले ही असुरक्षित घोषित किया जा चुका था इलाका, आपदा प्रभावित लोगों की भरपूर मदद कर रही स्वयंसेवी संस्थाएं

पंकज चौहान–शिमला
राजधानी के कृष्णानगर में हुए हादसे के कारणों का अभी तक कोई खास तर्क सामने नहीं आया है। प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन इस बाबत जांच करवाएगा । नगर निगम का साफ कहना है कि यहां पर जो भी ढारे बने थे वह अवैध थे। वहीं जो भवन थे, उन्हें भी पहले ही अनसेफ घोषित कर दिया था। लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि यहां के भवनों और ढारों को अनसेफ घोषित किया गया था तो उन्हें किसी अन्य जगह बसाने के लिए कोई कार्य क्यों नहीं किया गया।

हालांकि नगर निगम ने पहले भी यहां के लोगों को चेतावनी दे दी थी कि ढारों के अतिरिक्त निर्माण करने पर कभी भी कोई हादसा हो सकता है। लेकिन यहां पर लोगों ने ढारों को मकानों में तबदील कर दिया था। ऐसे में पहली जांच में तो यही साफ हुआ है कि अवैध ढारों को पक्का कर यहां पर एक भवन में तबदील करने के कारण और पेड़ों के गिरने के कारण यहां नुकसान हुआ है। हालांकि अभी इस हादसे की पूरी जांच प्रशासन कर रहा है। जिसके लिए स्पेशलिस्ट कार्य कर रहे हैं। बता दें कि उद्योग विभाग का खनन विंग प्रदेश सरकार को 2012 से चार रिपोर्ट दे चुका है कि भूस्खलन और अनियोजित निर्माण से तीव्र ढलानों पर बने भवन नुकसान का बड़ा कारण बनेंगे। खनन विभाग के सात भू-विज्ञानियों की टीम की ओर से सौंपी गई चार रिपोर्टों में कहा गया है कि सुरक्षित निर्माण के लिए जियोलाजिकल सर्वे रिपोर्ट को अनिवार्य किया जाना चाहिए। तभी घटनाओं में कमी आएगी। कृष्णानगर में आपदा प्रभावितों के लिए हर सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। नगर निगम, जिला प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाएं भी कार्य कर रही हैं। (एचडीएम)

खनन विंग के अधिकारियों ने दिए हैं उपयोगी सुझाव
खनन विंग के अधिकारियों ने पिछले दो माह से पेश आ रही भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों का भू-गर्भीय निरीक्षण करके वैज्ञानिक सुझाव व भविष्य में निर्माण कार्यों के संबंध में रखी जाने वाली सावधानियों से अवगत करवाया है। इस टीम के भू-विज्ञानियों पुनीत गुलेरिया, अतुल शर्मा, संजीव शर्मा, सुरेश भारद्वाज, अनिल राणा, गौरव शर्मा और सरित चंद्र ने हाल ही में सोलन, शिमला, कुल्लू, मंडी व कांगड़ा जिलों के प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करके स्थानीय प्रशासन को भू-विज्ञान से संबंधित व स्लोप स्टेबिलिटी को प्रभावित नहीं होने देने व भू-संरक्षण के संदर्भ में महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।

कृष्णानगर में जो हादसा हुआ है इसके कारणों का पता लगाया जाएगा। वहीं जिन घरों को यहां पर नुकसान हुआ है उन्हें पहले ही खाली करवा दिया था। वहीं यहां पर ज्यादातर अवैध ढारे थे।
भुवनेश शर्मा, अतिरिक्त आयुक्त नगर निगम, शिमला


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