विधानसभा मानसून सत्र : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बोले, प्रभावितों की मदद में गड़बड़ करने वाले नपेंगे

By: Sep 19th, 2023 12:08 am

सत्र के बाद आपदा प्रभावितों के लिए बड़ा राहत पैकेज लाएंगे

केंद्र से मदद न मिलने की स्थिति में अपने स्तर पर कदम उठाएगी राज्य सरकार

राष्ट्रीय आपदा घोषित करने में सत्ता पक्ष का साथ दे विपक्ष और केंद्र सरकार से करे बात

नेता प्रतिपक्ष के आरोप पर बोले सीएम सुक्खू, पूरा नहीं हो पाया केंद्रीय मंत्री गडकरी का वादा

राकेश शर्मा — शिमला
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि किसी भी सरकारी अधिकारी ने आपदा प्रभावित से गलत किया होगा, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। आपदा में प्रभावितों तक मदद नहीं पहुंच रही है, तो विपक्ष नाम के साथ इसे प्रस्तुत करे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के सवालों का जबाव दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मानसून सत्र के बाद विशेष प्रावधान करेगी। बड़ा रिलीफ पैकेज राज्य सरकार लेकर आएगी। केंद्र से मदद न मिलने की स्थिति में राज्य सरकार अपने स्तर पर कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई चरण तीन में तीन महीने की देरी हुई है, जबकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने तत्काल 200 करोड़ रुपए देने की बात कही थी, लेकिन इसमें से अभी तक एक भी पैसा नहीं आया है। उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे को राज्य सरकार ने 10 करोड़ रुपए दिए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि केंद्र से कोई मदद नहीं मिल पाई है।

21 जून को पहली बैठक हुई और बरसात से पहले की सभी बैठकें हुई हैं। उन्होंने कहा कि कृष्णानगर में 34 परिवारों को हटाया गया था। पंजाब के रहने वाले दो लोग पैसे निकालने गए थे। हादसे का शिकार होने की वजह से उनकी मौत हुई है। केंद्र सरकार ने जुलाई में पूर्व निर्धारित किस्त दी है। विशेष राहत के तौर पर दो हजार करोड़ की मांग की है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इसकी मंजूरी नहीं दी है। राष्ट्रीय आपदा घोषित करने में विपक्ष सत्ता पक्ष का साथ दे और केंद्र सरकार से बात करें। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों को राज्य सरकार सभी नुकसान की भरपाई करेगी। पक्के और कच्चे घरों के लिए सरकार पूरा मुआवजा देगी।

विपक्ष के विधायकों ने नहीं दिया एक महीने का वेतन

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रभावित लोगों के लिए राज्य सरकार अपनी तरफ से मदद का प्रावधान करेंगे। राष्ट्रीय आपदा घोषित होगी, तो विशेष मदद मिलेगी। विपक्ष को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के आगे आना होगा। प्रदेश के लोग राज्य सरकार के साथ खड़े हैं और खुलकर मदद को आगे आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश भर में लोग दिल खोलकर मदद कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष और केंद्र सरकार से पर्याप्त मदद नहीं मिल रही है। विपक्ष के विधायकों ने अभी तक अपना एक महीने का वेतन नहीं दिया है।

आपदा पर सदन में तीखी तकरार

सीमेंट के दाम बढऩे पर भी प्रदेश सरकार को घेरने का प्रयास

विशेष संवाददाता — शिमला

हिमाचल की त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने पर विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन तीखी नोंकझोंक देखने को मिली। प्रदेश में बढ़े सीमेंट के दाम पर विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की। इस बहस के दौरान एक-दूसरे पर कटाक्ष और खूब तंज भी कसे। साथ ही केंद्र सरकार से दिल खोलकर मदद का भी आह्वान किया। सीमेंट के दाम में आए चार रुपए के उछाल पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार और राकेश जम्बाल ने आपदा के समय प्रदेश के लोगों को नुकसान पहुंचाने की बात कही। विपक्ष के नेताओं ने कहा कि सीमेंट के दाम बढऩे से लोगों को घर बनाने में मुश्किल पेश आएगी। राज्य सरकार ने सीमेंट पर टैक्स बढ़ाने का फैसला किया है और इससे करीब चार रुपए का उछाल सीमेंट के दाम में आएगा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा में अवसर का प्रयास नहीं होना चाहिए। विपक्ष की तरफ से कुल्लू दशहरा में वीआईपी टिकट तय करने और 500 रुपए टिकट तय करने पर भी नाराजगी जताई है। इसके जबाव में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार आपदा के समय आय के साधन बढ़ाने का प्रयास कर रही है और इस वजह से ऐसे कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सदन में आपदा प्रभावित परिवारों पर चर्चा नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि मशीनों को देखना सरकार का मकसद नहीं था, आपदा में सबसे पहले सडक़ खुलवाना सरकार का उद्देश्य था। आपदा प्रभावित परिवारों के लिए विपक्ष की तरफ से जो राय आएगी उसे स्वीकार किया जाएगा। विधायक निधि से आपदा प्रभावितों की मदद की जा सकती है।

सडक़ें न खुलने से पर्यटन उद्योग-सेब बर्बाद हो गए

विशेष संवाददाता — शिमला

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सेब का आधा सीजन बर्बाद हो गया है। सडक़ें बहाल नहीं हो पाई हैं। 5000 करोड़ की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। नाराज बागबान सेब फेंकने को मजबूर हैं और सरकार बागबानों पर पेनल्टी लगा रही है। दूसरा बड़ा नुकसान पर्यटन उद्योग का हुआ है। बुकिंग रद्द हो रही हैं, पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। सरकार की मदद जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाई है। नेता प्रतिपक्ष सोमवार को विधानसभा में नियम 102 के तहत हिमाचल की त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और विपक्ष की तरफ से नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव की साझा चर्चा में सदन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नियम 67 में पूर्व में तय किए गए बिजनेस को स्थगित किया जाता है, लेकिन मुख्यमंत्री को प्रस्ताव रखने की अनुमति दे दी। उन्होंने कहा कि केंद्र मदद करे, यह सभी चाहते हैं, लेकिन राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से क्या मिलेगा और राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं होती है, तो क्या नुकसान होगा। यह सरकार को साफ करना होगा।

पिंजौर-स्वारघाट एनएच पर 45 करोड़ के छह पुल

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

पिंजौर-स्वारघाट एनएच पर छह पुलों का पुन: निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 45.42 करोड़ का बजट मंजूर किया गया है। डीपीआर मंजूर होते ही नालागढ़ क्षेत्र की सडक़ों का काम शुरू किया जाएगा। नालागढ़ के विधायक केएल ठाकुर द्वारा विधानसभा के मानसून सत्र में पूछे गए सवाल नालागढ़ स्वारघाट फोरलेन का निर्माण की नवीनतम स्थिति क्या है और एनएच ढेरोवाल-नालागढ़-रामशहर-कुनिहार-तारादेवी और एनएच नालागढ़-दभोटा-बडला-दुगरी-पतेरां-कश्मीरपुर-बेघेरी-खातीवाल-गारा-मोवरा के निर्माण की नवीनतम स्थिति क्या है? विधायक केएल ठाकुर के सवाल पर सदन में दिए गए लिखित जबाव में बताया गया कि नालागढ़-स्वारघाट सडक़ पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ स्वारघाट राष्ट्रीय राजमार्ग-105 का हिस्सा है, जिसकी लंबाई 66.275 किलोमीटर है। 35 किलोमीटर पहला भाग पिंजौर से नालागढ़ तक का है। शेष भाग के लिए डीपीआर पीडब्ल्यूडी और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी तैयार करेगी।

नूरपुर में आठ माह में 321 निविदाएं आमंत्रित

शिमला — लोक निर्माण विभाग मंडल, नूरपुर द्वारा आठ महीनों में 25 निविदाएं ऑनलाइन एवं 296 निविदाएं ऑफलाइन आमंत्रित की गई हैं। विधानसभा के मानसून सत्र में नूरपुर के विधायक रणवीर निक्का के सवाल कि आठ महीनों में 31 अगस्त तक लोक निर्माण विभाग नूरपुर में कितनी निविदाएं ऑनलाइन व ऑफलाइन आमंत्रित की गई और ब्यौरा कार्यसूची, ठेकेदारों के नाम व स्थानवार दें, पर सदन में दिए गए लिखित जबाव में बताया गया कि गत आठ महीनों में 31.08.2023 तक लोक निर्माण विभाग मंडल, नूरपुर द्वारा 25 निविदाएं ऑनलाइन एवं 296 निविदाएं ऑफलाइन आमंत्रित की गई।

पांवटा में ट्यूबवैल सिंचाई के 242 विद्युत कनेक्शन

शिमला। पांवटा साहिब विधान सभा क्षेत्र के विद्युत मंडल के तहत ट्यूबवैल सिंचाई के विद्युत कनेक्शन के लिए कुल 272 किसानों के आवेदन प्राप्त हुए। किसानों के 272 आवेदनों में से 242 कनेक्शन जारी कर दिए गए हैं तथाशेष 30 कनेक्शन देने की प्रक्रिया जारी है। विधानसभा में विधायक सुखराम चौधरी ने सवाल पूछा कि पहलीजनवरी से 31 अगस्त तक पावंटा साहिब में कितने किसानों ने सिंचाई हेतु निजी ट्यूबवैल के विद्युत कनेक्शनों के लिए आवेदन किया है और इनमें से कितने कनेक्शन जारी कर दिए गए हैं व कितने लंबित हैं। इस पर सदन में सरकार की ओर से जानकारी दी गई।

60 शहरी निकायों में 1662 पद खाली

शिमला — प्रदेश में कार्यरत शहरी स्थानीय निकायों में विभिन्न श्रेणियों के 1662 पद खाली हैं। विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन ऊना सदर के विधायक सतपाल सिंह सत्ती द्वारा सवाल पूछा गया कि प्रदेश में कार्यरत शहरी स्थानीय निकायों में विभिन्न श्रेणियों के कितने पद स्वीकृत हैं और कितने पद भरे हुए व कितने रिक्त है, रिक्त पदों को कब तक भर दिया जाएगा। सतपाल सत्ती के सवाल पर विधानसभा में सदन में दिए गए लिखित जबाव में बताया कि कुल 60 शहरी स्थानीय निकायों में विभिन्न श्रेणियों के कुल 3799 पद स्वीकृत हंै, जिनमें से 2137 भरे हैं और 1662 पद रिक्त हैं। सदन में दिए लिखित जबाव में बताया गया कि रिक्त पदों को संबन्धित शहरी स्थानीय निकायों की आवश्यकता तथा वित्तीय स्थिति के मध्यनजर रखते हुए विभाग द्वारा भरने के प्रयास किए जा रहे हंै। वहीं, प्रदेश की नगर परिषदों व नगर पंचायतों में कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव की श्रेणियों के अतिरिक्त निम्र 10 श्रेणियों को राज्य स्तरीय पालिका सेवाओं में सम्मिलित किया गया है।

जम्मू-कश्मीर के कब्जे वाली जमीन वापस लेंगे

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

जिला चंबा के उपमंडल सलूणी के तहत लंगेरा के सीमावर्ती क्षेत्र पधरी को जम्मू कश्मीर के कब्जे से मुक्त किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने जम्मू कश्मीर के कब्जे वाली जमीन को वापस लेने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए सरकार द्वारा केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ पिछले दिनों पत्राचार किया गया है। पत्र का जवाब मिलने के बाद सरकार द्वारा इस मामले को आगे बढ़ाया जाएगा। विधानसभा सत्र के पहले दिन डलहौजी के विधायक डीएस ठाकुर के सवाल के जवाब में सरकार ने सदन में लिखित जवाब में यह बात रखी। डलहौजी के विधायक द्वारा विधानसभा में सवाल पूछा गया था कि जिला चंबा के उपमंडल सलूणी के तहत लंगेरा के सीमावर्ती क्षेत्र पधरी को प्रदेश में शामिल करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। इसके जवाब में सरकार ने कहा है कि उपमंडल सलूनी के लंगेरा का सीमावर्ती क्षेत्र हिमाचल का हिस्सा है।

नाले के तटीकरण को 12 करोड़ की डीपीआर तैयार

नगर परिषद सुजानपुर टीहरा के वार्ड संख्या-8 के बीच बह रहे नाले के तटीकरण के लिए 12 करोड़ की डीपीआर तैयार की गई है। विधानसभा के मानसून सत्र में विधायक राजेंद्र राणा के सवाल पर सदन में दिए गए लिखित जबाव में बताया गया कि नगर परिषद सुजानपुर टीहरा के वार्ड संख्या-8 के बीच बह रहे नाले के तटीकरण हेतु 49.60 लाख का प्राक्कलन 22 जुलाई, 2022 को निदेशालय शहरी विकास से धनराशि उपलब्ध करवाने हेतु प्राप्त हुआ था, जिसमें वित्त/योजना विभाग द्वारा यह सलाह दी गई कि धन की आवश्यकता को शहरी स्थानीय निकाय उन्हें मिली हुई एफसी ग्रांट से पूरा करें।

आइ महीने में विधायक प्राथमिकता की 78 योजनाएं

हिमाचल प्रदेश में पिछले आठ महीनों में विधायक प्राथमिकता की 78 योजनाओं को नाबार्ड से स्वीकृति मिली है, लेकिन 287 योजनाएं स्वीकृति के लिए अभी भी नाबार्ड के पास लंबित हैं। पांवटा क्षेत्र के विधायक सुखराम चौधरी के सवाल पर बताया गया है कि नाबार्ड की ओर से स्वीकृति 78 योजनाओं में 35 लघु एवं बाढ़ नियंत्रण योजनाएं शामिल हैं। वहीं, दो पेयजल एवं मल निकासी की योजनाएं और 41 सडक़ें व पुल शामिल हैं। इसके अलावा लंबित 287 योजनाओं में लघु एवं बाढ़ नियंत्रण की 34 योजनाएं, मल निकासी एवं पेयजल की 58 योजनाएं और 195 सडक़ें एवं पुल लंबित है।

भरमौर में 303 शिक्षक नहीं

प्रदेश सरकार शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए प्राथमिकता के आधार पर प्रयासरत है। शिक्षा विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भरमौर के विधायक डा. जनकराज के सवाल पर सरकार ने पहले दिन यह लिखित जवाब रखा। विधायक जनकराज के सवाल के जवाब में जानकारी रखी गई कि प्राथमिक, मिडल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों के 303 पद खाली है। इसमें सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 117 पद रिक्त है, जिसमें प्रधानाचार्य के 10, प्रवक्ता के 54, टीजीटी के 28 और सीएडंवी के 25 पद रिक्त है। उच्च विद्यालय में कुल 51 पद रिक्त है, जिसमें मुख्याध्यापक के 9, टीजीटी के 23, सीएडंवी के 19 पद रिक्त है। इसके अलावा मिडल स्कूलों में जीटीजी के 12 और सी एडं वी के 21 पद रिक्त हैं।

इतने संगठन मान्यता प्राप्त

राज्य के सरकारी विभागों में सरकार से मान्य प्राप्त कर्मचारी संगठनों को लेकर एक नया आंकड़ा सामने आया है। भाजपा विधायक डा. जनक राज ने राज्य सरकार से पूछा था कि सभी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के सरकारी मान्यता प्राप्त संगठनों की संख्या कितनी है? लिखित जवाब में सहकारिता विभाग देख रहे उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार के 15 विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के सरकारी मान्यता प्राप्त संगठनों की संख्या 44 है। इनमें निर्वाचन विभाग में तीन, उच्च शिक्षा विभाग में दो, अनुसूचित जाति अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विभाग में एक, विद्युत निरीक्षरणालये, अग्निशमन सेवाएं, उद्यान विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, आबकारी एवं कराधान विभाग, सलाहकार योजना विभाग में एक एक ही कर्मचारी संगठन मान्यता प्राप्त है।

बनेर खड्ड पुल जल्द बनेगा

कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के तहत दौलतपुर-हार-खरठ सडक़ पर बनेर खड्ड पर पुल बनाया जाएगा। विधानसभा के मानसून सत्र में विधायक पवन कुमार काजल द्वारा पूछे गए सवाल कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत हार जलाड़ी से खरठ ग्राम पंचायत नंदरूल को जोडऩे वाले पुल की अद्यतन स्थिति क्या है। क्या इसका पुनर्निर्माण उसी ठेकेदार द्वारा किया जाएगा या इसकी निविदा पुन: आमंत्रित की जाएगी और यह कब तक बनकर तैयार कर दिया जाएगा। विधायक के सवाल पर सदन में दिए गए लिखित जबाव में बताया गया कि इस पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर था, लेकिन 10 अप्रैल, 2023 को इस पुल की आर्च क्षतिग्रस्त हो गई। ठेकेदार ने सहमति दी है कि वह 30 सितंबर 2023 तक वैकल्पिक डिजाईन प्रस्तुत करेगा और डिजाइन की स्वीकृत होने के 30 दिन के भीतर कार्य शुरू कर देगा।

124 एजेंसियों ने किया आवेदन

151 लघु जल विद्युत परियोजनाओं को स्थापित करने हेतु 124 एजेंसियों ने आवेदन किया है। विधानसभा के मानसून सत्र में विधायक डा. जनक राज के सवाल कि प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित करने हेतु कितनी एजेंसियों ने आवेदन किए हैं, एजेंसियों के नाम सहित ब्यौरा दें जिला कांगड़ा के इकू हिल टॉप पर कितने पॉवर प्रोजेक्ट लगाए जाने प्रस्तावित हैं। इस सवाल पर सदन में लिखित जबाव में बताया कि प्रदेश में पांच मैगावाट से अधिक क्षमता की दो जल विद्युत परियोजनाओं क्रमश्: सेली (400 मेगावाट) व मियार (120 मेगावाट) को स्थापित करने हेतु केवल एक एजैंसी जेएसडब्लयू एनईओ एनर्जी लिमटेड से एक-एक आवेदन प्राप्त हुआ है। इसके अलावा 5 मेगावाट तक की 151 लघु जल विद्युत परियोजनाओं को स्थापित करने हेतु 124 एजेंसियों ने आवेदन किया है।

नहीं मिला पीएमजीएसवाई प्रोजेक्ट

पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत 2600 करोड़ रुपए मिले हैं, लेकिन यह रकम आपदा राहत के तौर पर नहीं मिले हैं। इस बारे में पूर्व में डीपीआर भेजी गई थी। अभी तक केंद्र सरकार से कोई भी प्रत्यक्ष मदद अभी तक नहीं मिल पाई है। केंद्र सरकार को मदद के लिए आगे आना होगा।

मंडी पहुंचा डेढ़ करोड़ पेटी सेब

बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि डेढ़ करोड़ सेब की पेटियां मंडी तक पहुंची हैं। सेब कहीं भी नहीं फंसा है। भाजपा का कार्यकर्ता सड़े हुए सेब को नाले में बहा रहा था। राज्य सरकार को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा था। किसी भी बागबान की अभी तक शिकायत नहीं आई है। सेब बिना रोक-टोक के मंडी तक पहुंच रहा है।

मदद के बाद आलोचना न करें

पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि विधायक जनता के बारे में बात करते हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चौपाल का दौरा किया और सभी ब्लाक में लाखों रुपए बांटे। उन्होंने कहा कि पंचायतों में फंड देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आलोचना ही कर रहे हैं तो इसलिए यह बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि दिल पर लेने वाली बात नहीं है।

केंद्र से पर्याप्त मदद नहीं मिली

विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश के लोग सरकार और विपक्षी पर नजर गड़ाए बैठी है। कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां नुकसान नहीं हुआ है। बरसात में पहाड़ी राज्यों में नुकसान होता है। इस दौरान केंद्र सरकार मदद करती है, लेकिन इस बार अभी तक केंद्र की तरफ से उचित मदद नहीं मिल पाई है।

केंद्र सरकार से मदद की जरूरत

सीपीएस रामकुमार चौधरी ने कहा कि आपदा से भीषण तबाही हुई है। इससे निपटने के लिए केंद्र से मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घर इस आपदा में क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें दोबारा से बनाने के लिए जमीन की जरूरत है, लेकिन जब तक जमीन नहीं मिलती, तब तक उनके लिए वैकल्पिक प्रबंध किए जाने चाहिए।

फटे तिरपाल बांट रही सरकार

विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि राज्य सरकार की मदद सही लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है। उन्होंने कहा कि फटे हुए टेंट बांट कर फोटो खिंचवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कुल्लू में सीपीएस और मंत्री के बीच बहस का वीडियो वायरल हुआ था। इसके जवाब में सीपीएस सुंदर ठाकुर ने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह के साथ उनकी बात संगम स्थल को लेकर हो रही थी। उन्होंने कभी नहीं कहा कि भाजपा के लोगों की मदद न करें।

नेशनल रिलीफ ही जारी कर दे केंद

इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं करना चाहती है केंद्र सरकार तो राष्ट्रीय रिलीफ घोषित कर दे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हुई तबाही से निपटने के लिए भारी बजट की जरूरत है और इसके लिए केंद्र सरकार से मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी जगह पहुंच कर नुकसान का जायजा लिया है। प्रदेश सरकार की तरफ से मदद की जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से कितनी मदद मिल सकती है इस पर काम करने की जरूरत है।

पहली बार सेब का भारी नुकसान

विधायक बलवीर वर्मा ने कहा कि इससे पहले हुई बरसात में सेब का इतना बड़ा नुकसान नहीं हुआ, जितना इस बार हुआ है। हिमाचल प्रदेश की मंडियों में सेब कम बिका है। सेब की पेटियों का वजन तय करने का नुकसान बागवानों को झेलना पड़ा है। चौपाल में अभी भी सडक़ें बंद हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में यूपीए सरकार के कार्यकाल में भी राज्य को पर्याप्त मदद नहीं मिल पाई है।

झलकियां

सब विपक्ष की नौटंकी है हम खूब समझते हैें

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विपक्षी अखबारों की सुर्खियां बटोरने को लेकर सदन से वाकआउट कर रहा है। इस नौटंकी को प्रदेश के लोग खूब समझते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने आपदा के समय राहत का प्रबंध करने की जगह समाचार पत्रों में बयानबाजी कर मानसून सत्र बुलाने की बात कही और अब जब मानसून सत्र बुलाया गया है, तो चर्चा करने की जगह विपक्षी विधायक सदन से भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस नौटंकी से भला नहीं होगा। सामने बैठने वाले शुरुआत से ही राजनीति कर रहे हैं।

अरे साहब! न अंदर बोलने देते हैं, न बाहर

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारी गैर0हाजिरी में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जो बातें कही हैं, उनका अवलोकन करेंगे। पता नहीं, कौन सी लाइनें विपक्ष को लेकर कही गई हैं। इसका अवलोकन सदन की कार्यवाही के बाद किया जाएगा। जयराम ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष को बाहर और सदन के अंदर दोनों जगह अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जा रहा है। केंद्र सरकार के सिर ठीकरा फोडऩे का प्रयास किया जा रहा है।

दिल्ली जाते ही बदल जाते हैं मुख्यमंत्री के सुर

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली जाते हैं तो स्वर कुछ और होते हैं और जब शिमला लौटते हैं तो सुर बदल जाते हैं। लगता है कि मुख्यमंत्री को उपमुख्यमंत्री सलाह दे रहे हैं और उसी सलाह पर वह फैसले भी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबका समय बारी-बारी आता है। इसका ध्यान रखना होगा।

रूमाल को रजाई बना रहे हैं मुख्यमंत्री सुक्खू

विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सीमेंट को महंगा कर दिया है। इसका असर आगामी दिनों में प्रदेश के लोगों को झेलना पड़ेगा। कुल्लू के दशहरा देखने के भी अब 500 रुपए देने होंगे। जबकि पहले महिलाओं को 1500-1500 रुपए देने की बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू रूमाल को रजाई बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने विक्रमादित्य सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि विक्रमादित्य सिंह के पास फाइलें वैसे भी कम आती हैं।

ऑडिट रिपोर्ट तैयार रखनी पड़ेगी सरकार को

विपिन सिंह परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही 51 लाख रुपए देने की बात कही है, लेकिन वे जल्दबाजी में यह भूल गए हैं कि विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें शपथपत्र देना पड़ेगा और इस शपथपत्र में अपनी संपत्ति कि ब्यौरा प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए ऑडिट रिपोर्ट तैयार रखनी पड़ेगी। चुनाव के समय संपत्ति का विवरण देना पड़ेगा।

सीएम सुक्खू का जवाब मेरे खून में है मदद

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विपिन सिंह परमार नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से ज्यादा बोलने का प्रयास कर रहे हैं। जब जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री थे, तो भी कोरोना के समय 11 लाख रुपए दिए थे। यह मेरे खून में ही है। अभी से नहीं, कालेज के समय से भी इस तरह के प्रयास वह करते रहे हैं। इस बार उन्हें लगा, तो उन्होंने 51 लाख की राशि दान कर दी।