बिना बजट फंस गया 11 पुलों का निर्माण, PWD को केंद्र से नहीं आई मदद, भेजी है 94 करोड़ की रिपोर्ट
विशेष संवाददाता- शिमला
पीडब्ल्यूडी को केंद्र सरकार से मदद नहीं मिल पाई है। विभाग ने 11 पुलों को 94 करोड़ रुपए का आकलन बनाकर केंद्र सरकार को भेजा है, लेकिन अभी तक केंद्र ने इस बजट को जारी करने पर हामी नहीं भरी है। प्रदेश में करीब 116 पुल बरसात की वजह से धराशायी हुए है और इनमें से 19 पुल पूरी तरह से टूट कर बह चुके है। इन पुलों को दोबारा बनाने में पीडब्ल्यूडी को करीब 118 करोड़ रुपए की जरूरत है। विभाग ने इस जरूरत को देखते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के दौरे के बाद 94 करोड़ का आकलन केंद्र सरकार को भेजा था।
यह मदद सेतु बंधन भारत योजना में मंजूर किया जाना था, लेकिन अभी तक विभाग को इस संबंध में एनओसी नहीं मिल पाई है । मानसून में प्रदेश के राज्य उच्च मार्गों को हुए नुकसान की भी एक अलग से रिपोर्ट विभाग ने केंद्र सरकार को सौंपी है। इस रिपोर्ट में 272 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया गया है, लेकिन अभी इस धनराशि को लेकर भी केंद्र सरकार ने कोई स्थिति साफ नहीं की है। गौरतलब है कि बरसात से पीडब्ल्यूडी को 2941 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। केंद्र सरकार राज्य को बजट प्रदान करती है, तो पीडब्ल्यूडी इससे इन सडक़ों को बहाल कर पाएगा।
एमडीआर के तहत भेजा है 360 करोड़ का आकलन
पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में बंद सडक़ों को बहाल करने में विभाग ने पूरी ताकत झोंक दी है। अब तक 95 फीसदी से ज्यादा सडक़ें बहाल कर ली गई है। लोगों को अब मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ रहा है। जिन सडक़ों पर पुल बनने हैं या बड़े डंगे लगाने की जरूरत है उनके बहाल होने में थोड़ा और समय अभी लगेगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी को केंद्र सरकार से मदद की उम्मीद है। केंद्र को सेतु भारतम और एमडीआर के तहत 360 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट भेजा गया है।
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