हिमाचल के पारंपरिक व्यंजन बनाएं और इनाम पाएं
महिला एवं बाल विकास विभाग ने छिपे खजाने की खोज शुरू की
दिव्य हिमाचल ब्यूरो – धर्मशाला
हिमाचल के पारंपरिक व्यंजन बनाकर कोई भी इनाम का हकदार बन सकता है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा हिमाचल के भूले हुए व्यंजनों के छिपे खजाने की खोज अभियान आरंभ किया गया है। यह अभियान 30 सितंबर तक चलेगा। उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने देते हुए बताया कि सितंबर माह को पूरे जिला भर में पोषाहार माह के रूप में मनाया जा रहा है तथा इस बार पोषण अभियान का मुख्य थीम कुपोषण की चुनौती से निपटना है। इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग ने हिमाचल के पारंपरिक व्यंजन और उनके पौष्टिक गुणों को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान आरंभ किया है।
इस अभियान में कोई भी नागरिक हिस्सा ले सकता है तथा अभियान में हिस्सा लेने के लिए पारंपरिक व्यंजनों को बनाते हुए पांच मिनट का वीडियो अपलोड करना होगा, जिसमें व्यंजन की रेसिपी तथा किस अवसर पर बनाया जाता था, इसके इस्तेमाल से होने वाले स्वास्थ्य लाभ, पौष्टिक गुण के बारे में जानकारी साझा करना जरूरी होगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान दौर में युवा पीढ़ी पौष्टिक तथा पारंपरिक व्यंजनों से अनभिज्ञ हो रही है, जिसके चलते ही महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से पुराने समय में बुजुर्गों के समय में घर के आसपास उगी हुई तथा उगाई हुई चीजों के विभिन्न व्यंजन घरों में बनाए जाते रहे हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न त्योहारों के अवसर पर भी मौसम के अनुसार व्यंजन परोसने की परंपरा रही है, लेकिन वर्तमान में युवा पीढ़ी का फास्ट फूड की तरफ रूझान बढ़ रहा है। इससे उनके स्वास्थ्य पर भी असर पर पड़ रहा है। प्रतियोगिता में 20 सर्वश्रेष्ठ वीडियो चुनी जाएगी तथा जीतने वाले हिमाचल के प्रतिभागी को नगद राशि से पुरस्कृत भी किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी तथा नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र में संपर्क किया जा सकता है।