एक जगह पानी जमा न होने दें
पांवटा साहिब के बीएमओ ने डेंगू से बचने के दिए टिप्स
कार्यालय संवाददाता- पांवटा साहिब
डेंगू का लार्वा मुख्य तौर पर जमे हुए साफ पानी में पैदा होता है और इसे पनपने के लिए जुलाई से लेकर अक्तूबर तक का वक्त काफी मुफीद माना जाता है। यही वजह है कि इस वक्त में काफी सतर्क रहतना जरूरी होता है। पांवटा साहिब के बीएमओ डा. कस्तूरी लाल भगत ने दिव्य हिमाचल से बातबीत करते हुए बताया कि डेंगू के डंक पर नियंत्रण कर सकते हैं अगर जनसमुदाय इस ओर थोड़ा सा ध्यान दे। मादा मच्छर की उम्र नर के मुकाबले ज्यादा होती है। मादा एडीज एक बार में 50 से 100 अंडे देती है। यह एक दिन में 70 से 80 लोगों को काट सकती है। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू की बीमारी होती है। बीएमओ डा. केएल भगत ने कहा कि मच्छरों की रोकथाम के लिए जगह-जगह लार्वा निरोधक दवा का छिडक़ाव करने के साथ ही फॉगिंग भी की जा रही है।
डेंगू दिवस के अवसर पर सभी सीएचसी, पीएचसी सिविल अस्पताल सहित सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लोगों को डेंगू की रोकथाम कैसे की जाए जागरूक किया जा रहा है। एक-दो सालों को अगर छोड़ दिया जाए तो जिले में डेंगू का ग्राफ लगातार गिर रहा है। ऐसे में घर और आसपास मच्छरों को पनपने न दें। कूलर में पानी जमा होने से उसमें डेंगू का लार्वा पैदा होने का खतरा बढ़ता है। ऐसे में कूल का उपयोग होने के तत्त्काल बाद उसका पानी खाली कर दें। घर की छत पर रखे गमलों या किसी अन्य चीज में पानी जमा न होने दें। मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी व स्प्रे का प्रयोग करें।
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