महिला आरक्षण पर संसद की मुहर; राज्यसभा में एक भी वोट विरोध में नहीं, अब राष्ट्रपति की हां बाकी
दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली
लोकसभा के बाद गुरुवार को राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल पास हो गया। इसके साथ ही इसके कानून बनने के लिए अब सिर्फ राष्ट्रपति की मुहर ही बाकी रह गई है। राज्यसभा में इस बिल के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। राज्यसभा से महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद मिठाइयां बाटी गईं। इसके लिए करीब 100 डिब्बे मिठाइयां नई संसद में मंगाई गई थीं। इससे पहले बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस के कई सांसदों ने 33 फीसदी में ही ओबीसी आरक्षण देने और महिला आरक्षण कानून तुरंत लागू करने की मांग उठाते हुए संशोधन दिए।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सांसद नसीर हुसैन, नीरज डांगी, अमी याजनिक, रंजीत रंजन, रजनी पाटिल, फूलो देवी नेताम, राजमणि पटेल, जेबी माथेर, डॉ. एल. हनुमंतैया ने महिलाओं के लिए ओबीसी आरक्षण को 33 फीसदी के भीतर और इसके तत्काल कार्यान्वयन के लिए संशोधन पेश किया। हालांकि ये संसोधन खारिज हो गए। उधर, राज्यसभा में आप सांसद संदीप कुमार पाठक ने कहा कि य महिलाओं को वेबकूफ बनाने वाला बिल है। इस बिल के भविष्य का कोई अंदाजा नहीं है, क्योंकि पहले जनगणना और परिसीमन होना है।
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