स्वां की बाढ़ में बही आलू की फसल
बारिश से आलू उत्पादकों को चार करोड़ की लगी चपत, कृषि विभाग नुकसान का आकलन करने में जुटा
नगर संवाददाता-ऊना
स्वां नदी ने आलू उत्पादकों को गहरे जख्म दिए है। सोमभद्रा नदी में आए तेज बहाव में स्वां के बीच करीब 700 हेक्टेयर भूमि पर लगी आलू की फसल बह गई। इससे आलू उत्पादकों को करीब चार करोड़ रुपए का चपत लगी हुई है। आलू उत्पादकों ने कुछ दिन पहले ही स्वां स्वां नदी में जमीन ठेके पर लेकर आलू की बुआई की थी। आलू की फसल उगाने के लिए किसानों ने लाखों रुपए खर्च किए थे। अब उफान पर आई स्वां नदी आलू की फसल को बहा ले गई। कृषि विभाग फसल को हुए नुकसान के आंकलन करने में जुट गया है। ऊना में किसान दो हजार हेक्टेयर भूमि पर आलू की फसल उगाते हैं। इसमें स्वां नदी में ही गगरेट से लेकर संतोषगढ़ तक करीब 700 से 800 हेक्टेयर भूमि पर फसल लगाई है। जबकि खेतों में 1200 हेक्टेयर भूमि पर आलू की बुआई की जाती है। किसान स्वां नदी में जमीन किराए (ठेके) पर लेकर आलू की फसल उगाते है। अभी एक सप्ताह पहले किसानों ने स्वां नदी में आलू की बुआई की थी।
पंडोगा में एक किसान देसराज ने करीब 300 कनाल भूमि पर आलू की फसल बोई थी। देसराज ने आलू की फसल पर करीब छह लाख रुपए खर्च किए थे। इसके अलावा पनोह गांव में किसान अजय कुमार ने स्वां नदी में करीब 32 कनाल भूमि पर आलू की बुआई की थी। अजय कुमार ने आलू के बीज पर ही डेढ़ लाख रुपए खर्च किए थे। मंगलवार को अजय कुमार खेतों में ही मौजूद थे कि अचानक स्वां का जल स्तर बढ़ गया और देखते ही देखते आलू की फसल बह गई। इसी तरह पंडोगा गांव में मदन लाल, विनोद कुमार, मंजीत सैणी, चेत राम आदि ने भी स्वां नदी में आलू की फसल बोई थी। इनकी फसल भी स्वां नदी में बह गई। किसानों देसराज, अजय कुमार, चेत राम, मंजीत, मदन लाल, विनोद कुमार आदि ने कहा कि वह लंबे समय से हर वर्ष स्वां नदी में जमीन ठेके पर लेकर आलू की फसल बिजाई करते है। उन्होंने कहा कि कभी भी ऐसा नुकसान नहीं हुआ है। इस बार बरसात से फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। वहीं खाद आदि भी पैसे खर्च किए। अब एक सप्ताह में ही उनकी आलू की फसल बह गई। उन्होंने कहा कि सरकार आलू उत्पादकों को उनके नुकसान का उचित मुआवजा दे।
कई आलू उत्पादक स्वां नदी में आलू फसल की पैदावार करते है। स्वां नदी में फसल उगाना हमेशा रिस्की रहता है। स्वां नदी में आए तेज बहाव में आलू की फसल को काफी नुकसान हुआ है। नुकसान का आंकलन करने के लिए कृषि विभाग के कर्मचारियों को निर्देश जारी किए गए है।
कुलभूषण धीमान, कृषि उपनिदेशक जिला ऊना