पिछली सरकार के पांच साल पर श्वेतपत्र, अग्निहोत्री ने CM को सौंपी रिपोर्ट; कितनी फिजूल खर्ची की, विस्तृत जिक्र

By: Sep 19th, 2023 12:08 am

कैबिनेट सब-समिति अध्यक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट; कितनी फिजूल खर्ची की, विस्तृत जिक्र

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — शिमला

कांग्रेस सरकार की ओर से पूर्व भाजपा सरकार पर बनाया गया श्वेत पत्र इसी मानसून सत्र में सदन में रखा जा सकता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट सत्र में किए गए ऐलान के बाद उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट सब-कमेटी बनाई थी। इसमें दो अन्य मंत्री चंद्र कुमार और अनिरुद्ध सिंह को शामिल किया गया था। कैबिनेट सब-कमेटी की अधिसूचना 22 मई को हुई थी और सोमवार 18 सितंबर को 4 महीने में कैबिनेट सब-कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। अब तक कांग्रेस सरकार के दौरान बनाई गई कैबिनेट सब-कमेटियों में से यह पहली कमेटी है, जिसने अपनी रिपोर्ट दी है। करीब 50 पन्नों की इस रिपोर्ट में पूर्व जयराम सरकार के पांच साल को ही लिया गया है। इन पांच वर्षों में राज्य की वित्तीय व्यवस्था कैसी थी और सरकार ने कितनी फिजूल खर्ची की, इसका जिक्र इस रिपोर्ट में है। नए दफ्तर और संस्थान खोलने को लेकर वित्त विभाग को नजरअंदाज किए जाने की बातें भी इस रिपोर्ट में हैं। साथ में ही कैबिनेट सब कमेटी ने रिसोर्स मोबिलाइजेशन को लेकर भी भविष्य के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। सोमवार को होटल पीटरहाफ में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद श्वेत पत्र की यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी गई है।

सदन में रखा स्टेट कैडर का विधेयक

शिमला। राज्य सरकार ने नगर निगम के कर्मचारियों को स्टेट कैडर में लाने संबंधी अध्यादेश को कानून में बदलने के लिए विधानसभा में बिल रखा है। मानसून सत्र के पहले दिन ही इस विधेयक को सदन के पटल पर रखा गया। इसके अनुसार राज्य सरकार ने 17 अगस्त, 2023 को नगर पालिका सेवा संशोधन अध्यादेश लाया था। नगर निगम में कम कर रहे कर्मचारियों की कुछ कैटेगरी को स्टेट कैडर में बदल गया था। दूसरी तरफ कैबिनेट में हुए राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारी वर्गों को स्टेट कैडर में लेने के फैसले के बाद अभी तक नोटिफिकेशन नहीं हुई है। मंगलवार को भी प्रश्नकाल के बाद सरकारी संकल्प पर ही चर्चा जारी रहेगी। इसके बाद नियम 130 के तहत भाजपा विधायक जीतराम कटवाल ने हिमाचल में लो वोल्टेज की समस्या और घरों के ऊपर से जा रही बिजली की तारों को हटाने के बारे में एक प्रस्ताव लाया है।

महंगाई और गारंटियों को लेकर 25 को देंगे धरना

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने कहा कि कांग्रेस सरकार को हिमाचल प्रदेश में स्थापित हुए 10 महीने हो चुके हैं। जब से कांग्रेस की सरकार हिमाचल प्रदेश में आई है, तब से 1000 से अधिक सरकारी संस्थान बंद कर चुकी है, जिसका वह आज तक जवाब नहीं दे पाई है। भारतीय जनता पार्टी ने डीजल पर सात रुपए की कटौती की थी, पर आते ही इस कांग्रेस सरकार ने इसको बढ़ा दिया। बिजली, राशन, तेल महंगा कर महंगाई की मार से हिमाचल प्रदेश की जनता की कमर को तोड़ दिया। आपदा प्रबंधन की दृष्टि से यह सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है, आपसी विरोधाभास के चलते हिमाचल प्रदेश की जनता प्रभावित हुई है।

आपदा राहत राशि में मेरा-तेरा का राग गाकर, भाई भतीजावाद इस सरकार ने फैलाया है। चंबा हत्याकांड अभी तक लोग भूल नहीं पाए है और हिमाचल प्रदेश के कोने-कोने से कानून व्यवस्था बिगडऩे के कई उदाहरण सामने आए हैं। सरकार हर फ्रंट पर नाकामयाब रही है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी और विधायक दल मिलकर 25 सितंबर को विधानसभा के बाहर एक बड़ा प्रदर्शन करने जा रहे हैं। यह प्रदर्शन इस सरकार को जताने के लिए होगा कि तुम्हारी 10 गारंटी कहां गईं। कानून व्यवस्था, महंगाई, गारंटी, विरोधाभास, बदला-बदली की भावना, संस्थान बंद करना, आपदा में मेरा-तेरा, को लेकर भाजपा विधानसभा का घेराव करेगी।

विधानसभा के बाहर गरजेंगे बेरोजगार

पद न भरने पर सरकार से नाराज बेरोजगार शारीरिक शिक्षक

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

प्रदेश में बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों ने उनकी मांगें पूरा न होने पर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन का मन बना लिया है। बेरोजगार शारीरिक शिक्षक 22 सितंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे। इनका आरोप है कि शारीरिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए सरकार की ओर से उन्हें बार-बार झूठा आश्वासन मिल रहा है, जिसके चलते धरना-प्रदर्शन का निर्णय लिया है। संघ के सचिव राकेश शर्मा ने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि शिक्षा विभाग में शारीरिक शिक्षकों के प्रदेश में करीब 2150 पद और 500 पद खाली चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में आजकल स्कूली खेल प्रतियोगिता शूरू हो गई, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इन खेल प्रतियोगिताओं में बच्चे बिना अभ्यास और बिना शारीरिक शिक्षक के भाग ले रहे हैं। इसका मुख्य कारण है हिमाचल प्रदेश के 75 प्रतिशत स्कूलों में शारीरिक शिक्षक ही नहीं हैं।

पिछले पांच से छह सालों से हिमाचल में एक भी शारीरिक शिक्षक का पद नहीं भरा है, जिसका खामियाजा इन बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। राकेश शर्मा ने कहा कि भर्तियों को लेकर सरकार से अपनी मंशा जाहिर करने का भी आग्रह किया है, ताकि वे गुमराह होने से बच सकें। लंबे समय से भर्तियां न होने से निराश बेरोजगार शारीरिक शिक्षक रोजगार की राह देख रहे हैं। उनका कहना है कि किसी भी विद्यालय में शारीरिक शिक्षक अहम भूमिका निभाता है, शारीरिक शिक्षक की मदद से उनमें अनुशासन और नैतिक गुणों का विकास होता है। उनका आरोप है कि शारीरिक शिक्षकों की भर्तियां न कर आने वाली पीढ़ी को शारीरिक दिव्यांगता की ओर धकेलने का प्रयास किया जा रहा है।

आज विधानसभा घेरेंगे जिला परिषद कर्मचारी

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

जिला परिषद कर्मचारी व अधिकारी महासंघ मंगलवार को विधानसभा का घेराव करेगा। सुबह 11 बजे से दोपहर बाद एक बजे तक चौड़ा मैदान में जिला परिषद कर्मचारियों की ओर से धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। घेराव के दौरान सरकार की ओर से उनकी मांगों को लेकर कोई फैसला नहीं लिया जाता है, तो फिर आगामी रण्नीति बनेगी। दरअसल जिला परिषद कर्मचारी व अधिकारी पिछले काफी समय से मांग उठा रहे हैं कि इन कर्मचारियों को पंचायतीराज विभाग में मर्जर किया जाए, लेकिन इन कर्मचारियों का अभी तक विभाग में मर्जर नहीं किया गया है। दूसरी ओर, इन कर्मचारियों को सरकार की ओर से अब स्टेट काडर में डाल दिया गया है, जबकि कर्मचारियों की मांग थी कि मर्जर के बाद ही जिला परिषद कर्मचारियों व अधिकारियों को स्टेट काडर में डाला जाए। ऐसे में जिला परिषद काडर के कर्मचारी व अधिकारी सरकार व विभाग से नाराज है। जिला परिषद कर्मचारी व अधिकारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश ठाकुर का कहना है कि सरकार ने उनके साथ वादा खिलाफी की है। उनका दावा है कि हाल ही में 18 अगस्त को जिला परिषद काडर के कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री सुक्खविंदर सिंह सुक्खू से मिला था।

इस दौरान उन्हें आश्वासन दिया गया था कि जिला परिषद काडर को मर्जर के साथ ही स्टेट काडर में डाला जाएगा। जिला परिषद काडर का विभाग में मर्जर तो नहीं किया गया, बल्कि उन्हें स्टेट काडर में डाल दिया गया है। गौरतलब है कि जिला परिषद काडर के तहत प्रदेशभर में करीब 4700 कर्मचारी व अधिकारी है। यह कर्मचारी व अधिकारी काफी समय से मांग उठा रहे हैं कि जिला परिषद से पंचातयतीराज विभाग में इनका मर्जर किया जाए,, लेकिन अभी तक इन कर्मचारियों का विभाग में मर्जर नहीं हुआ है। यही कारण है कि इन कर्मचारियों को अभी तक छठा वेतन आयोग प्रदान नहीं किया गया है। ऐसे में अभी तक इन्हें पांचवे वेतन आयोग के तहत ही वेतन प्रदान किया जा रहा है।

दो विभागों के चक्कर काट रही फाइल

संघ का कहना है कि जिला परिषद कर्मचारियों को नया वेतन आयोग प्रदान करने के लिए पिछले एक साल से ज्यादा समय से फाइल दो विभागों के चक्कर काट रही है। इस कारण जिला परिषद कर्मचारियों को नया वेतन आयोग नहीं मिल पाया है। हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले इन कर्मचारियों को नया पे-स्केल देने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई थी, लेकिन उसमें यह सपष्ट नहीं था कि इन कर्मचारियों को वर्तमान तिथि से नया पे-स्केल दिया जाएगा या फिर अन्य विभागों के कर्मचारियों की तरह 2016 से नया वेतन आयोग प्रदान किया जाएगा।