कथोली मीनू बाईपास सडक़ के काम का सर्वे

एसडीएम की अध्यक्षता में संयुक्त टीम ने किया निरीक्षण, रेलवे की मंजूरी मिलने के बाद ही शुरू होगा निर्माण
निजी संवाददाता- नगरोटा सूरियां
पूर्व जयराम सरकार के समय हुई घोषणा के बाद नगरोटा सूरियां के नजदीक कथोली मीनू खड्ड के पास बाईपास सडक़ निर्माण कार्य का सर्वे करने के लिए गुरुवार को टीम पहुंची। जवाली उपमंडल के एसडीएम की अध्यक्षता में संयुक्त टीम ने जगह का निरीक्षण किया। एसडीएम ने कहा कि शीघ्र ही इसकी रिपोर्ट बनाकर रेलवे को दी जाएगी। रेलवे की मंजूरी मिलने के बाद इसका कार्य होगा। नगरोटा सूरियां में बढ़ती ट्रैफिक के कारण लोगों की बाईपास बनाने की मांग पर जवाली के एसडीएम ने सभी विभागों के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण किया। यह बाईपास घेरा से कथोली में मीनू खड्ड पुल के पास नगरोटा सूरियां-नंदपुर सडक़ मार्ग से जोडक़र बनाने का प्रारूप तैयार किया गया है। लेकिन बीच में रेलवे पुल होने के कारण रेलवे बोर्ड की मंजूरी जरूरी है। जवाली के एसडीएम ने मौके पर नगरोटा सूरियां तहसील के तहसीलदार विनय कुमार, रेलवे के सेक्शन इंजीनियर उत्तम चंद व लोकनिर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग, वन विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारियों व कथोली पंचायत प्रधान जीएस बेदी पंचायत सदस्य स्वर्ण सिंह, खब्बल पंचायत की प्रधान रिंपल, उप प्रधान अशोक कुमार, सुगनाड़ा पंचायत के उपप्रधान सुरेश कुमार सहित स्थानीय ग्रामीण भी इस मौके पर उपस्थित थे।

अधिकारियों ने सभी से बात कि और वहां पर पहुंच कर निरीक्षण किया। रेलवे विभाग की ओर से आए सेक्शन इंजीनियर ने मीनू खड्ड पर बने रेलवे पुल के नीचे से सडक़ गुजारने की अनुमति के लिए प्रोपोजल बना कर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रोपोजल को मंजूरी के लिए रेलवे मंडल फिरोजपुर को भेज दिया जाएगा। इसके बाद ही सडक़ के निर्माण का कार्य होगा और इस बाईपास सडक़ निर्माण से कुम्हार बस्ती, चांद बस्ती, श्मशानघाट, पुराना, तीर्थ स्थल, धोबी घाट, बजुआ बस्ती, स्कूल के लिए बच्चों को आने-जाने के लिए सडक़ का रास्ता बन जाएगा। इस बाईपास सडक़ के बनने से साथ लगती पंचायत को भी बहुत लाभ मिलेगा जबकि दूसरी ओर सडक़ के साथ यह बाईपास सडक़ जुड़ जाएगी। एसडीएम ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नगरोटा सूरियां के सुगनाड़ा स्थित खेल मैदान का भी संयुक्त निरीक्षण किया और खेल मैदान में अवैध कब्जों को हटाने के लिए प्रधानाचार्य हरभजन सिंह सोहल को एसडीएम कोर्ट में मामला दायर करने के निर्देश दिए व लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों को मैदान में जर्जर भवन को अनसेफ घोषित कर गिराने के आदेश दिए।