पंजाब में 28 से दो दिन का शीत सत्र, भगवंत मान कैबिनट का सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फैसला
दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली
पंजाब सरकार ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक में 28-29 नवंबर को विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाने का फैसला किया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 10 नवंबर को दिए गए आदेश के बाद आया है। हालांकि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह सत्र लंबा होने की बात कही थी, लेकिन अब इसे दो दिनों के लिए ही सीमित कर दिया गया है। गवर्नर के सत्र को अवैध बताने के बाद ही पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। पंजाब सरकार जल्द ही सत्र के लिए गवर्नर से मंजूरी भी मांगेगी। कैबिनेट बैठक में महाराजा भूपिंदर सिंह पंजाब स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी पटियाला में नौ पदों के सृजन और भरने को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा कैबिनेट ने पंजाब नहर और जल निकासी विधेयक 2023 को मंजूर किया है। पीएसएसडब्ल्यूबी को बंद करने और कर्मचारियों को विलय करने की मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही कैदियों की जल्द रिहाई के मामले भेजने और सजा रद्द करने को हरी झंडी दी गई है।
इसके अलावा पर्यटन, सांस्कृतिक मामले, पुरातत्व और संग्रहालय विभाग की प्रशासनिक रिपोर्ट को कैबिनेट की मंजूरी दे दी है। बता दें कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तकरीबन पांच दिन पहले मौजूदा विधानसभा के चौथे सत्र (बजट सत्र) को स्थायी तौर पर बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दे दी थी। इससे पहले चौथे सत्र की 20-21 अक्तूबर को बुलाई गई बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई थी। सीएम भगवंत मान ने गवर्नर की तरफ से बिलों को अटकाने के आरोप लगाते हुए सत्र को अनिश्चितकालीन समय के लिए स्थगित करने के लिए विधानसभा स्पीकर से कहा था, जिसके बाद सत्र को अनिश्चितकालीन समय के लिए स्थगित किया गया था।