सराज की पांच महाशक्तियों का भव्य मिलन

11 साल बाद जंजैहली घाटी की सुरक्षा के लिए परिक्रमा पर निकले आराध्य देवता

निजी संवाददाता-थुनाग
सराज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जंजैहली घाटी की सुरक्षा की कार बांधने 11 साल बाद क्षेत्र के आराध्य देवता बायला नारायण चार बड़ की फेरी को 12 दिसंबर से अपने लाव लश्कर के साथ निकल पड़े हैं। वहीं गुरुवार को पांच महाशक्ति का मिलन गडहलू में हुआ देव गडहलू के मंदिर में देव गडहलू, देव ब्रह्माक्ष, देव गिरजणु, देवी गुशैणी, देव गडलू पांचो देवता एक साथ इक_ा हुए और पांचो देवताओं का यहां भव्य मिलन हुआ। देवी गुशैणी के गुर मान सिंह ने बताया कि 11 वर्ष बाद यह परिक्रमा होने जा रही है। जिसमें आज से पांचो देवता इस परिक्रमा में भाग लेंगे तथा इस परिक्रमा को पूरा करेंगे। इस परिक्रमा में पहले जंजैहली घाटी के प्रमुख आराध्य देव श्री बैला नारायण जी 11 वर्षो उपरांत अपने पूरे लाव लश्कर के साथ अपने क्षेत्राधिकार (चार हारियों) की सुरक्षा, सुख स्मृद्धि हेतु प्रवास (फेर) पर निकलने पड़े हैं।

इस ऐतिहासिक फेर के आयोजन की देव प्रक्रिया 12 दिसंबर को देव नारायण के मूल गर्भ गृह बैला कंडेली में होने वाले हूम के साथ शुरू हुई है। यह ऐतिहासिक महत्वपूर्ण देवता फेर 15 दिसंबर को ग्राम पंचायत बुंग रैलचौक में गांव रेशन से होकर प्रवेश करेगा। 15 दिसंबर को देवताओं का रात्रि ठहराव भलवाड़ गांव में तथा 16 दिसंबर को फेर मझवाल कपान गांव होकर गुजरने उपरांत रात्रि ठहराव शोधाधार गांव में रहेगा। 17 दिसंबर को यह फेर गांव गुरनाल, बुंग, दुरजडी की सीमाओं से होकर गुजरेगा। देव रथ पूरी पंचायत को अपनी रक्षा कवच प्रदान करेंगे। 17 दिसंबर को रात्रि ठहराव थ्रोट गांव जंजैहली में रहेगा। 18 दिसंबर इस फेर का गांठा बायला गांव खनिबागी में होना है।