विस्तार की लागत दिखाई दस हजार करोड़
पर्यटन विभाग ने रिपोर्ट पर दोबारा काम करने को कहा, आईआईटी रुडक़ी से राय लेने का फैसला
भू-अधिग्रहण प्रक्रिया के नजदीक है यह प्रोजेक्ट, एयरपोर्ट अथॉरिटी से अभी बात नहीं
राजेश मंढोत्रा — शिमला
कांगड़ा के गगल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए बनाई गई टेक्नो इकॉनोमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट को पर्यटन विभाग ने खारिज कर दिया है। इसे भारत सरकार की एक एजेंसी वैपकोस ने बनाया था। इसमें एयरपोर्ट बनाने की कुल लागत 10000 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई गई है, जबकि कई तरह की खामियां भी इसमें निकली हैं। पर्यटन विभाग ने एजेंसी को इसे लौटाते हुए दोबारा से काम करने को कहा है। दूसरी तरफ इस बड़े प्रोजेक्ट पर अब आईआईटी रुडक़ी से राय लेने का फैसला लिया गया है। वैपकोस की ओर से इस रिपोर्ट को सबमिट करने के बाद पर्यटन विभाग में इस पर बैठक हुई। विभाग के ही तकनीकी लोगों ने इसमें कई तरह की खामियां निकाल दी हैं। ड्राइंग, क्रॉस सेक्शन और प्लान से लेकर कई तकनीकी पहलुओं पर यह रिपोर्ट ग्राउंड की स्थिति से मैच नहीं कर रही। ऊपर से प्रोजेक्ट की लागत 10000 करोड़ से ज्यादा बताई गई है। राज्य सरकार के अपने आकलन में इतना खर्चा यहां नहीं होगा। इसी रिपोर्ट के बाद बनने वाली डीपीआर के आधार पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से भी राज्य सरकार ने बात करनी थी।
चूंकि गगल एयरपोर्ट के विस्तार का प्रोजेक्ट ब्राउनफील्ड कैटेगरी का है, इसलिए इस प्रोजेक्ट में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया भी पैसा लगाएगी। हालांकि इसके लिए डीपीआर का फिजीबल होना जरूरी है। यह प्रोजेक्ट भूमि अधिग्रहण की स्टेज के नजदीक है और राज्य सरकार ने डीसी कांगड़ा को आरएंडआर प्लान फाइनल करने को कहा है। इसके लिए एडीएम कांगड़ा को रजिस्ट्रार लगाया गया है। कमेटी भी बना दी गई है। भूमि अधिग्रहण के साथ ही फिर डीपीआर के हिसाब से भारत सरकार से डायलॉग होगा। इस प्रोजेक्ट में सबसे बड़ी चुनौती माझी खड्ड है, जिसके ऊपर लेंटल डालकर एयरपोर्ट निकलेगा। इसी वजह से लागत भी बढऩे का खतरा है। भूमि अधिग्रहण लागत में ही पहले आकलन 2000 करोड़ तक का था, लेकिन अब 3000 करोड़ तक भी बात जा सकती है। अंतिम रिपोर्ट में भूमि अधिग्रहण की लागत सर्किल रेट पर बनेगी या किसी और फार्मूले पर, इस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। फैमिली के दायरे को भी नए सिरे से परिभाषित किया जा रहा है।
गगल एयरपोर्ट विस्तार की फिजिबिलिटी रिपोर्ट सही नहीं पाई गई है। इसे एजेंसी को वापस लौटाया गया है और आईआईटी रुडक़ी से भी एक्सपर्ट ऑपिनियन ली जा रही है। इसके बाद ही डीपीआर पर फैसला होगा
देवेश कुमार, प्रधान सचिव, वित्त एवं टूरिज्म
तीन किलोमीटर लंबी होगी हवाई पट्टी
कांगड़ा एयरपोर्ट को विस्तार देकर इसे इंटरनेशनल कैटेगरी का बनाने का लक्ष्य सरकार का है। यहां भूमि अधिग्रहण दो चरणों में से पूरा किया जाएगा। इसमें करीब 1200 से ज्यादा परिवार प्रभावित होंगे, जिन्हें अन्यत्र बसाया जाएगा। गगल एयरपोर्ट में हवाई पट्टी को वर्तमान 1376 मीटर से बढ़ाकर 3010 मीटर किया जाएगा। इसके बाद बोइंग और एयरबस जैसे बड़े जहाज यहां उतर पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल का दर्जा दे रखा है। इसी के तहत गगल एयरपोर्ट का विस्तार हो रहा है और यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद कांगड़ा घाटी में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी। हालांकि मुश्किल आर्थिक हालात में इस प्रोजेक्ट को पूरा करना एक चुनौती है।