मालिक की एनओसी बिना बना दिया पानी का टैंक

जलशक्ति विभाग सरकाघाट का कारनामा, निशानदेही के बाद सामने आया सच

स्टाफ रिपोर्टर- मंडी
जलशक्ति विभाग सरकाघाट ने मालिक की एनओसी लिए बिना ही उसकी मलकियत भूमि पर एक वाटर टैंक बनाने का कारनामा कर दिखाया है। इस टैंक के निर्माण में जो कोताही बरती गई है, उसका खुलासा अब निशानदेही के बाद सामने आया है। इस लापरवाही के बाद विभागीय अधिकारियों के भी हाथ पांव फ ूल गए हैं। फ ील्ड में यह मनमानी किसने की है। क्या अधिकारी व ठेकेदार की मिलीभगत से ही यह संभव हुआ है और इसमें दोषी कौन है। यह जांच का विषय है, क्योंकि यह मामला अब कोर्ट जा सकता है। इस टैंक का निर्माण कोरोनाकाल में जलशक्ति विभाग ने सरकाघाट के गोपालपुर मुहाल में खसरा नंबर 284 में किया है।

बताया जा रहा है इस पर कुल दस लाख रुपए खर्च किए गए हैं। इसकी क्षमता लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा लीटर की है। यह योजना लगभग 20 गांवों को लाभान्वित करेगी। उधर पीडि़त परिवार की ओर से शकुंतला ने यह शिकायत आईपीएच सरकाघाट के नाम भेजी है। जब निर्माण किया जा रहा था तब उनके पति बेहद बीमार थे। उन्हें फोर्टिस अस्पताल के कई महीनों तक चक्कर काटने पड़े थे और आखिर में उनका निधन हो गया। इस बारे में उन्होंने कई बार मौखिक तौर पर भी जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को यह बात बताई मगर वह मानने को तैयार नहीं हुए। अब उन्होंने निशानदेही करवानी पड़ी जिसके तहत उनकी मलकियत भूमि पर वाटर टैंक का निर्माण किया गया है।

उच्चाधिकारी करवाएं जांच, दोषी कौन
पीडि़ता शकुंतला ने उच्चाधिकारियों से मांग करते हुए कहा है कि इस मामले की जांच की जाए कि मलकियत भूमि पर क्यों वाटर टैंक बनाया गया और इसका दोषी कौन है। क्या निर्माण के समय जमीन का ततीमा नहीं लिया गया। यह ततीमा लिया गया है तो किस नंबर का ततीमा दिया गया है इसकी भी जांच की जाए। उन्होंने कहा कि जलशक्ति विभाग टेैंक को डिस्मैंटल करे और दूसरी जगह पर इसका निर्माण करे। इसकी भरपाई दोषी अधिकारी या ठेकेदार से की जाए। जिन्होंने उनकी भूमि पर टेैंक का निर्माण करवाया है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो यह मामला वह कोर्ट में ले जाएंगी।