नहीं माने बड़ादेव कमरूनाग, नाराजगी बरकरार

गूर का आखिरी परता भी फेल; जाएगी गद्दी, आज का दिन अहम, बारिश-बर्फबारी का इंतजार बढ़ा
कार्यालय संवाददाता-गोहर
मंडी जनपद के बड़ा देव कमरूनाग की नाराजगी अब हर वर्ग के लिए भारी पड़ रही है। किसान बागबान जहां लगातार चल रहे सूखे को लेकर चिंतित हैं। वहीं शुष्क ठंड ने अधिकांश लोगों को सर्दी, जुकाम व बुखार से जकड़ कर रख लिया है। तीन महीने से भी अधिक समय से चल रहे सूखे से निजात पाने हेतु बड़ा देव कमरूनाग के वर्तमान गूर देवी सिंह का अंतिम परता भी शुक्रवार को फेल हो गया है। हालांकि इससे पूर्व तीन महीनों से वे कई बार कमरूनाग के समक्ष धूप देकर बारिश-बर्फ बारी की गुहार लगा चुके है, लेकिन कमरूनाग ने उनकी एक नहीं मानी। लिहाजा अब उनकी गद्दी जानी तय मानी जा रही है। मकर संक्राति के दिन देवी सिंह ने माघ महींने के 6 प्रविष्टे तक बारिश व बर्फ बारी का अंतिम परता दिया था। जिसकी अवधि शुक्रवार को समाप्त हो गई।

इनका अंतिम परता फेल होने पर शुक्रवार को गोहर के समीप कुफ रीधार में एसडीएम लक्षमण सिंह कनेट की मौजूदगी में देवी सिंह ने अपनी असमर्थता जाहिर कर दी। लिहाजा मौका पर मौजूद सैकड़ों किसानों व बागवानो ने पूर्व गुर स्वर्गीय देवीराम ठाकुर के पोते दुर्गादास से कमरूनाग के समक्ष जल्द बारिश हेतु अंतिम धूप दिलाया। दुर्गादास का परता शनिवार सुबह 8 बजे तक निर्धारित किया गया है। इस दौरान भी यदि बारिश नहीं हुई तो कुफरीधार में एकत्र लोग देव कमरूनाग को किसी पुजारी के पास सौंपने बारे चर्चा करेंगे। शुक्रवार को मौका पर मौजूद सैकड़ों लोगों का कहना था कि जब वर्तमान गुर या पूर्व में रहे किसी भी गुर का बारिश हेतू परता साकार नहीं हुआ तो देवता को कटवाल या फिर किसी अन्य व्यक्ति के पास सौंपा जाए। जो परंपरा के अनुसार समय-समय पर देवता की विधिवत पूजा अर्चना करता रहे।

वर्तमान समेत पूर्व में रहे आठ गूर भी नहीं मना पाए
तीन महीनों से लगातार चल रहे सुखे से निजात दिलाने हेतु वर्तमान समेत 8 गूर कमरूनाग को मनाने का प्रयास कर चुके हैं। लेकिन कमरूनाग की नाराजगी बरकरार रहना कई चर्चाओं को जन्म दे रही है। इस बार बड़ा देव कमरूनाग की नाराजगी किसी की भी समझ में नहीं आ रही है।