कड़छम-बांगतू प्रोजेक्ट प्रभावितों को नहीं मिल रहा लाभ

‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम में ग्रामीणों ने राजस्व मंत्री के समक्ष उठाया मुद्दा

दिव्य हिमाचल ब्यूरो—रिकांगपिओ
‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के तहत बुधवार को किन्नौर जिला की ग्राम पंचायत चगांव में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के राजस्व, बागबानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह ने किया। इस अवसर पर चगांव, उरनी, मीरू, यूला पुनंग, रामनी, कटगांव आदि पंचायतों से आए ग्रामीणों ने भाग लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने अपने-अपने क्षेत्रों से संबंधित कई विकासात्मक कार्य को प्रमुखता के साथ कैबिनेट मंत्री के समक्ष रखा। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने भी कई मामलों का मौके पर ही निपटारा करने के साथ कुछ शिकायतों को संबंधित विभाग के अधिकारियों को समाधान निकालने के निर्देश दिए। वहीं इस दौरान करछम वांगतू परियोजना प्रभावित क्षेत्र के निवासी डा. किशोरी लाल नेगी ने करछम बांगतू परियोजना 1000 मेगावाट के अंतर्गत आने वाले प्रभावित परिवारों को भारत सरकार के हाईड्रो पावर पॉलिसी-2008 नीति के तहत लाभ न देने बारे मामला उठाया।

उन्होंने कहा कि करछम वागतू परियोजना को पावर जनरेट करते हुए करीब 10-11 वर्ष बीत चुके है, किंतु उपरोक्त पॉलिसी के पेरा सख्या 5.8.2.1 के अंतर्गत एक प्रतिशत अतिरिक्त फ्री पावर की सभी जो कि प्रति वर्ष प्रोजेक्ट प्रभावित परिवारों के प्रोजेक्ट स्थापित होने के पश्चात् प्रोजेक्ट के लाइफ टाइम तक प्रति वर्ष कुल काम का एक प्रतिशत में से आधा प्रतिशत प्रभावित पंचायत के परिवारों व आधा प्रतिशत परियोजना क्षेत्र के प्रभावित परिवारों को उर्जा निदेशक के माध्यम से दिया जाना तय है। किंतु इतने वर्ष बीतने के बावजूद भी अभी तक यह लाभ करछम वागतू परियोजना के प्रभावित परिवारों को जो कि ग्राम पंचायत चंगाव, मीरू, उरनी, यूला सापनी, किल्बा, कटगाव आदि से संबंध रखते हैं, उन्हें लाभ नहीं दिया जा रहा है, जबकि दूसरी तरफ इस तरह का लाभ हाईड्रो प्रोजेक्ट रामपुर 400 मेगावाट से संबंध रखने वाले परियोजना प्रभावित परिवारों को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि करछम वागतू, हाईड्रो प्रोजेक्ट का कमीशन 2011 में हो चुका है, उसके बावजूद भी प्रभावित क्षेत्रों को एक प्रतिशत की रॉयल्टी न देना गंभीर विषय है।