रघुनाथ के मुख्य सेवक राम लला से मिलने अयोध्या रवाना

विदाई के समय भावुक हुए रघुनाथ के मुख्य कारदार दान्वेंद्र, नम आंखों से दी विदाई

शोभायात्रा में हजारों भक्तों ने भरी हाजिरी, जय सिया राम के नारों से गूंजी पर्यटक नगरी कुल्लू

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-कुल्लू
अयोध्या नगरी में 22 जनवरी को होने जा रहे राम लला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जहां पूरे देशभर में खुशी का मौहल बना हुआ है। तो वही देवभूमि जिला कुल्लू में भी राम की नगरी में खुशी का मौहल कायम है। इसी कड़ी में गुरुवार को राम लला से मिलने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए रघुनाथ जी नगरी कुल्लू से भगवान रघुनाथ जी के मुख्य सेवक(छड़ीबदार) महेश्वर सिंह भगवान श्रीराम को चांदी की चरण पादुकाएं, चांदी के पटड़ा, चमर, फाग, वस्त्र भेंट स्वरुप लेकर आयोध्या रवाना हुए है। खास बात यह हैं कि महेश्वर सिंह अयोध्या के भगवान राम जी को चांदी की चरण पादुका कुल्लू से लेकर गए है। यही नहीं चरण पादुका (खड़ााऊं)के अलावा चांउर, अंग वस्त्र , फागू आदि भी भगवान रघुनाथ जी को भेंट स्वरूप करने के लिए साथ ले गए हैं। इससे बड़ी बात यह है कि कुल्लू से अठारह करडू देवी-देवताओं के प्रतिनिधि के रूप में भगवान रघुनाथ जी के प्रमुख छड़ीबरदार महेश्वर सिंह अयोध्या गए हैं।

गुरुवार सुवह रघुनाथ जी के मंदिर सुल्तानपुर में सुबह माता हिडिंबा, दोचा-मोचा, त्रिपुरा सुंदरी सहित देव समाज के प्रतिनिधि महेश्वर सिंह को विदा करने पहुंचे। यह भेंट कुल्लू में स्थित भगवान रघुनाथ जी व अठारह करडू देवी-देवताओं की ओर से अयोध्या स्थित भगवान रघुनाथ जी के मंदिर जाएगी। वहीं, इस दौरान सैंकड़ों की संख्या में भक्तों ने रघुनाथ मंदिर से लेकर सरवरी बाजार तक महेश्वर सिंह को उनके वाहन तक छोड़ा। इस दौरान निकली शोभायात्रा में जय सिया राम के उद्घोष लगाए गए। समूची घाटी जय सिया राम …जय जय जय राम से गूंजी। वहीं, भगवान रघुनाथ जी के छड़ीबदार महेश्वर सिंह के साथ यशोधानंद व पुजारी दिनेश किशोर श्रोत्ररी गए है। शुक्रवार सुबह 7.15 पर चंड़ीगढ़ से आयोध्या से लिए यह सभी तीन लोग रवाना होंगे। वहीं, आयोध्या पहुंचने पर यहां उनका भव्य स्वागत होगा।

भगवान रघुनाथ जी के कारदार हुए भावुक
गुरुवार को जैसे ही भगवान रघुनाथ जी के छड़ीबदार महेश्वर सिंह राम लला के लिए ले जा रहे चांदी की पादुकाएं लेकर वाहन में बैठे तो उसी दौरान विदाई देते हुए कारदार दानवेन्द्र सिंह भावुक हो उठे। आंखों से निकले आंसु अपने प्रभु के प्रति आस्था किस तरह से है। यह पल भी यहां सभी को भावुक कर देने वाला था। दानवेन्द्र सिंह को रोता देख यहां सैंकड़ों उपस्थित भक्तों की आंखे भी नम हुई और फिर सरवरी बाजार में भी जमकर जय सिया राम के उद्घोष लगाए गए और वह आयोध्या के लिए रवाना हो गए।