बल्ह नहीं , जाहू में बनाया जाए एयरपोर्ट

जिला परिषद सदस्य मुनीष शर्मा ने हस्ताक्षरों संग मांग पत्र प्रधानमंत्री को भेजा
निजी संवाददाता- सरकाघाट
नबाही वार्ड के जिला परिषद सदस्य और सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़े मुनीष शर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त मंडी के माध्यम से बल्ह घाटी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के प्रोजेक्ट को जाहू क्षेत्र में स्थानांतरित करने के लिए हजारों हस्ताक्षरों सहित मांग पत्र भेजा। मुनीष शर्मा ने कहा कि उन्होंने 77 दिनों में 300 से अधिक गांवों में घर घर जाकर जनता से इस मुद्दे पर संवाद स्थापित किया और उनके हस्ताक्षर लिए। उन्होंने कहा कि बल्ह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से कृषि क्षेत्र रहा है जिसे मिनी पंजाब के नाम से भी जाना जाता है जिसमें मुख्य रूप से सब्जी उत्पादन होता है। प्रस्तावित जगह में हवाई अड्डे के निर्माण से 2 हजार परिवार (10हजार आबादी ) को पूर्ण रूप से होना पड़ेगा। हिमाचल प्रदेश में मात्र 14.86 प्रतिशत भूमि ही कृषि योग्य भूमि है इसलिए बल्ह घाटी की अत्यंत उपजाऊ भूमि का हवाई अड्डे के निर्माण के लिए अधिग्रहण करना तर्कसंगत एवम न्यायपूर्ण नहीं है। वहां पर किसान भी लगातार भूमि अधिग्रहण का भारी विरोध कर रहे हैं।

सर्दियों के मौसम में अधिक धुंध व बरसात के मौसम में बाढ़ जैसी स्थिति के कारण यह जगह हवाई अड्डे के निर्माण के लिए बिल्कुल भी उपयुक्त जगह नहीं है। जाहू क्षेत्र भूगौलिक रूप से हिमाचल प्रदेश के मध्य में स्थित है व तीन जिलों मंडीए हमीरपुर व बिलासपुर का केंद्र है। यह जगह जलवायु के अनुसार हवाई अड्डे के निर्माण के लिए उपयुक्त है और यहां बड़ी हवाई पट्टी 3150 मीटर के निर्माण के लिए काफी जमीन उपलब्ध है। यहां पर बल्ह की तुलना में एक चौथाई बजट में हवाई अड्डे का निर्माण संभव है। जाहू क्षेत्र को टनल के माध्यम से सडक़ मार्ग द्वारा कीरतपुर-मनाली फोरलेन से जोडऩा संभव है जिससे जाहू क्षेत्र व बल्ह क्षेत्र की दूरी मात्र 10 से 12 किमी हो सकती है। जाहू क्षेत्र को बिलासपुर जिले से निर्माणाधीन रेलवे लाइन से जोडऩा भी संभव है।