पर्यावरण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का योगदान अहम

मंडी कालेज में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग में मानव और प्रकृति के रिश्तों पर चर्चा
कार्यालय संवाददाता-मंडी
वल्लभ राजकीय महाविद्यालय मंडी में सतत विकास के लिए जैव विविधता और पर्यावरण के उभरते मुद्दे विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में उत्तराखंड के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। निर्देशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि जैव विविधता व पर्यावरण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण महत्वपूर्ण है। जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग में मानव व प्रकृति के रिश्तों को परिभाषित करने की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय संगोष्ठियों के माध्यम से जैव विविधता व पर्यावरण के उभरते मुद्दों पर जागरूकता फैलाई जा सकती है। एनआईटी उत्तराखंड के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों व शोधार्थियों को प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। वल्लभ राजकीय महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर सुरीना शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले वैज्ञानिकों, प्रोफ़ेसरों व शोधार्थियों का आभार व्यक्त किया है। सतत विकास के लिए जैव विविधता और पर्यावरण का संरक्षण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्राचार्या प्रोफेसर सुरीना शर्मा ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी की संयोजक डा. मोनिका पंचानी ने दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन महाविद्यालय के जीव विज्ञान विभाग ने किया। राष्ट्रीय सम्मेलन की संयोजक डा. मोनिका पंचमी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 78 ऑनलाइन शोध पत्र व 92 ऑफलाइन शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश व दुनिया के 170 से अधिक विज्ञानिक, प्रोफ़ेसर व शोधार्थियों ने हाइब्रिड माध्यम से भाग लिया। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के को. कन्वीनर डॉ संजय नारंग ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की को-कन्वीनर डा. राधिका ने मुख्य अतिथि की उपलब्धियां का ब्यूरो ब्योरा प्रतिभागियों के समक्ष रखा। उल्लेखनीय है अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कौनकू विश्वविद्यालय साउथ कोरिया के एसोसिएट प्रोफेसर डा. शशिकांत भाटिया ने शाश्वत विकास के लिए माइक्रोबज विषय पर ऑनलाइन शोध पत्र प्रस्तुत किया। इस अवसर पर बतौर बीज वक्ता पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर एमसी सिद्धू ने जैव-विविधता व उसकी संरक्षण की रणनीति विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया।