तीन बार पत्र लिखने के बाद भी नसीब नहीं हुई गाड़ी

सोलन अस्पताल में डाक्टरों को जरूरी काम के लिए निजी वाहनों से करनी पड़ रही यात्रा

सिटी रिपोर्टर-सोलन
क्षेत्रीय अस्पताल सोलन को अभी तक सरकार के द्वारा नई गाडिय़ां उपलब्ध नहीं करवाई गई है, जिससे अस्पताल प्रबंधन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा अस्पताल की तीन गाडिय़ों को 15 साल की समय अवधि पूरी करने के बाद खड़ा कर दिया गया था। यही नहीं सरकार को नई गाडिय़ां देने की मांग की गई थी। आलम यह है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा सरकार को बार-बार पत्र लिखने के बाद भी गाडिय़ां नहीं दी जा रही है। नियम अनुसार 15 साल तक चली गाड़ी को चलाया नहीं जा सकता है, जिसे खड़़ा किया जाना अनिवार्य था। लेकिन अब गाडिय़ां खड़ी होने के बाद यदि डॉक्टर्स को किसी कार्य या फिर ऑन काल बुलाना पड़े तो अपने निजी वाहनों में ही आना पड़ता है, जिससे कहीं न कहीं आर्थिक बोझ भी सहना पड़ रहा है।

कई आवश्यक कार्य करने के लिए भी देरी हो जाती है। अस्पताल प्रबंधन से प्राप्त जानकारी अनुसार खड़ी की गई गाडिय़ां चलने की हालत में है या नही इसका फैसला सरकार पर निर्भर करता है। क्षेत्रीय अस्पताल बड़ा होने नाते डॉक्टर्स को गाडिय़ों की जरूरत पड़ती रहती है। जिला सोलन स्वास्थ्य मंत्री का अपना गृह क्षेत्र है, लेकिन बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई न होना बड़ी हैरानी की बात है। बता दें कि सोलन का क्षेत्रीय अस्पताल बड़ा अस्पताल है जहां पर डॉक्टर्स को किसी भी समय गाड़ी की जरूरत पड़ जाती है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा गाडिय़ां तो खड़ी कर दी गई है, लेकिन नई गाडिय़ां नसीब नहीं हुई हैं। जोकि गंभीर चिंता का विषय है। इससे साफ प्रतीत है कि स्वास्थ्य विभाग की समस्या को सरकार द्वारा दरकिनार किया जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र में कार्रवाई न होने पर बवाल
जिला सोलन स्वास्थ्य मंत्री का अपना गृह क्षेत्र है, लेकिन बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई न होना बड़ी हैरानी की बात है। कार्रवाई न होने से कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग भी हैरान है। डॉक्टर्स अपने खर्चे पर गाडिय़ां चला रहे हैं। गौर रहे कि कई बार एमरजैंसी में डॉक्टर्स को बुलाया जाता है। बता दें कि सोलन का क्षेत्रीय अस्पताल बड़ा अस्पताल है जहां पर डॉक्टर्स को किसी भी समय गाड़ी की जरूरत पड़ जाती है।

15 साल की अवधि पूरी करने वाले वाहनों को किया खड़ा
उधर, क्षेत्रीय अस्पताल के एमएस डा. एसएल वर्मा ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा 15 साल की अवधि पूरी कर चुकी गाडिय़ों को खड़ा करने के बाद अभी तक कोई भी गाड़ी नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि बैठक में भी कहा गया है। सरकार को भी तीन बार पत्र लिखा जा चुका है।