विधानसभा में नौकरी-रोजगार पर तकरार; CM ने दी कागज सदन में रखने की चेतावनी, नेता प्रतिपक्ष ने हस्ताक्षर…
मुख्यमंत्री ने दी कागज सदन में रखने की चेतावनी, नेता प्रतिपक्ष ने हस्ताक्षर के साथ प्रस्तुत कर दिए पेपर
विशेष संवाददाता — शिमला
नौकरियों के आबंटन की तपिश से मंगलवार को सदन में खूब गर्माहट रही। सत्ता पक्ष और विपक्ष नौकरी की गारंटी और रोजगार के मुद्दे पर उलझ गए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को नौकरी की गारंटी का दस्तावेज सदन में प्रस्तुत करने की चुनौती दी, तो जयराम ठाकुर ने गारंटी के कागज को अपने हस्ताक्षर के साथ प्रस्तुत कर दिया। दोनों नेताओं में तीखी नोक-झोंक इस दौरान होती रही। विधानसभा सत्र में बजट पर चर्चा के दौरान भी दोनों पक्षों में खूब गहमागहमी देखने को मिली। सत्ता पक्ष ने बजट को प्रदेश के विकास में मददगार बताया, वहीं विपक्ष ने प्रदेश सरकार के बजट को निराशाजनक करार दिया।
नौकरी के बारे लिखा है, तो सबूत दें
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि एक लाख सरकारी नौकरी देने की बात नहीं कही थी, बल्कि हर साल रोजगार देने की बात कही थी। पांच साल में हम पांच लाख रोजगार मुहैया करवाएंगे। उन्होंने कहा कि कहीं नौकरी देने के बारे में लिखा है, तो इसका सुबूत पेश करें। नेता प्रतिपक्ष जानते हैं कि कागज सदन में रखने से पहले हस्ताक्षर करने होते हैं और प्रस्तुत कागज गलत पाए गए, तो कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में दस गारंटी घोषित हुई थी। राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने यह घोषणा की। अगर उस समय नौकरी की बात कही थी, तो इसका प्रमाण विडियो प्रस्तुत करें।
जयराम बोले; कुछ झूठ है, तो साबित करें
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि झूठ बोलने की सीमा होती है। प्रतिनिधत्व कर रहे लोग झूठ बोलते हैं। कांग्रेस के घोषणा पत्र में लिखा है पहली कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरी दी जाएगी। जो छपा है और बोला है, उसे स्वीकार करें। मुख्यमंत्री कहें कि मेरे से सलाह नहीं ली गई। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि वह इस कागज को सभा पटल पर रख रहे हैं। अगर इसमें कुछ झूठ है तो सरकार इसे साबित करे। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में लोगों को गारंटियों के बारे में कहा गया था। इतना ही नहीं, दीवारों पर भी नौकरी की गारंटी लिखी गई थी।
जेओए आईटी-एनपीएस पर भी बहस
सदन में जेओए आईटी और डाक्टरों के एनपीएस की गूंज भी मंगलवार को सदन में सुनाई दी, जबकि मंडी एयरपोर्ट पर सीपीएस संजय अवस्थी और विधायक विनोद कुमार में बहस हो गई। संजय अवस्थी ने मंडी एयरपोर्ट का निर्माण न करने, जबकि विधायक विनोद कुमार ने फंड को डाइवर्ट करने की बात कही।
इंडस्ट्री को जमीन पर भिड़े परमार-राम कुमार
इंडस्ट्री को जमीन लीज पर देने को लेकर भी दोनों पक्षों में खुलकर शब्दबाण चलते रहे। इंडस्ट्री के पलायन का मुद्दा विधायक विपिन परमार और विधायक राजेंद्र राणा ने उठाया। राजेंद्र राणा ने पलायन को रोकने के लिए कदम उठाने की बात कही, जबकि विपिन परमार ने इंडस्ट्री से उगाही की बात कही और सीपीएस राम कुमार का नाम भी लिया। इसके जबाव में सीपीएस राम कुमार ने विधायक विपिन परमार पर हमलावर रुख अपनाते हुए पहले अपने बिस्तर के नीचे झाड़ू फेरने की सलाह दे डाली। उन्होंने भाजपा के समय करोड़ों की जमीन कौडिय़ों के भाव देने की बात कही। 82 करोड़ की जमीन एक रुपए में उद्योगपति को दे दी गई। इसके जबाव में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने ऐसे मामलों की जांच कैबिनेट सब-कमेटी से करवाने का आह्वान किया।
सदन में बजट पर चर्चा
आर्गेनिक खेती में इस्तेमाल होगा गोबर
मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश के आर्थिक विकास को गति देने का प्रयास किया है। आपदा में भारी नुक्सान हुआ लेकिन केंद्र सरकार ने कोई मदद नहीं की। मुख्यमंत्री ने सुखाश्रय योजना शुरू की। इसका लाभ अनाथ और बेसहारा बच्चों को मिलेगा। बजट में चलो गांव की ओर की सीख मिल रही है। बजट में ज्यादातर योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए है। बारिश न होने से 25 प्रतिशत फसल को नुकसान हुआ है। तीन रुपए किलोग्राम गोबर खरीदेंगे और आर्गेनिक खेती में इसका प्रयोग किया जाएगा।
कौडिय़ों के भाव दे दी करोड़ों की जमीन
सीपीएस राम कुमार हिमाचल की जमीन को अपने समय में लुटाया है। करोड़ों की जमीन कौडिय़ों के भाव इंडस्ट्री को दे दी गई और इसके लिए बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने इंडस्ट्री को पांच साल तक बिजली फ्री कर दी है। जबकि अन्य कोई छूट देकर प्रदेश का धन लुटाया है। उन्होंने सदन में कहा कि इंडो फार्मा को 82 करोड़ रुपए की जमीन एक रुपए लीज पर दे दी है।
कैबिनेट सब कमेटी करेगी लीज की जांच
मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा एक रुपए लीज पर जमीन प्राइवेट पार्टी को दी गई है। कैबिनेट सब कमेटी इसकी छानबीन करेगी और गुण दोष के आधार पर सरकार फैसला लेगी। टूरिज्म में दस लाख रुपए से 98 लोगों को रोजगार दे सकते हैं। ऐसे कदम टूरिज्म के लिए उठाए जाने चाहिए। राज्य सरकार ने मानदेय बढ़ाने का फैसला किया है। ग्रामीण आर्थिकी को मजबूत करने के फैसले किए हैं।
डाक्टरों के काले बिल्ले कब उतरेंगे
विधायक डा. जनक राज दो महीने से डाक्टर काले बिल्ले लगाकर काम कर रहे हैं। लेकिन एनपीए पर सरकार फैसला नहीं कर पा रही है। अब डाक्टरों की मांग को लेकर कमेटी बनाने की बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी काम को लटकाना हो, तो उसके लिए कमेटी बनाने का फैसला किया जाता है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि एनपीए बंद कर आठ करोड़ रुपए की बचत हो रही है। डाक्टरों को बजट पूर्व सरकार ने तय किया है तो ऐसे में बजट कटौती की जरूरत क्यों पड़ी।
जेओए-आईटी को सशर्त जॉब दे सरकार
विधायक राजेंद्र राणा ने बताया कि जेओआईटी को सर्वोच्च न्यायालय ने तीन महीने में समाधान की बात कही है। प्रदेश भर में 1867 पद खाली हैं। जिन्होंने टेस्ट पास किया है उन्हें नौकरी मिलनी चाहिए। सरकार को सशर्त नियुक्ति आवेदकों को मिलनी चाहिए। राजेंद्र राणा ने कहा कि वित्तीय स्थिति को मजबूत करने की जरूरत है। टूरिज्म के क्षेत्र में काम करने की जरूरत है। नए टूरिज्म डेस्टिनेशन खोजने होंगे।
नौकरी देने के वादे को भूल गई सरकार
विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि बजट में लाहुल-स्पीति की महिलाओं को 1500 रुपए मिलना शुरू हो गए हैं। चुनाव से पहले 18 से 60 साल की महिलाओं को देने की बात कही थी, लेकिन अब सरकार ने उन्हें ठगने का काम किया है। कांग्रेस की सरकार बनते ही पहली ही कैबिनेट में एक लाख नौकरी का वादा किया था लेकिन अब मुकर रहे हैं। गारंटी के नाम पर प्रदेश के लोगों से ठगी की है।
केंद्र की रोजगार गारंटी का क्या बना
विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि आपदा ने हिमाचल को एक साल पीछे धकेल दिया है। सडक़ें बह गई, मकान ढह गए, लेकिन सरकार ने इन विषम परिस्थितियों में बेहतर ढंग से काम किया। सदन में लोकसभा चुनाव के आधार पर चर्चा हो रही है। केंद्र सरकार ने भी रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन युवाओं की छंटनी हो रही है।
सरकार ने महिलाओं से धोखा किया
विधायक बलवीर वर्मा ने कहा कि दस गारंटी से ठगने के बाद बजट के माध्यम से भी ठगा जा रहा है। जो?लोग जागरूक नहीं हुए हैं उन्हें घर-घर जाकर जागरूक करेंगे। सरकार ने महिलाओं से धोखा किया है। युवाओं को रोऊ नहीं मिला है। शिमला में पर्यटन कारोबार चौपट हो रहा है। शिमला को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए। शिमला एयरपोर्ट को विकसित किया जाए। चूड़धार में रोपवे का प्रबंध किया जाए।
स्वास्थ्य, कृषि और रोजगार लाएगा बजट
सीपीएस संजय अवस्थी ने कहा कि सरकार की गंभीरता को बजट दर्शाता है। बेहतर स्वास्थ्य, ग्रामीण, कृषि क्षेत्र और रोजगार के साधन विकसित करने की बात की है। राजनीतिक मजबूरी से विपक्ष सरकार का विरोध करने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि बजट पर चर्चा हो रही है लेकिन सभी इधर-उधर की बात कर रहे हैं। राज्य सरकार ने वही संस्थान बंद किए, जो चुनाव से कुछ दिन पहले संस्थान खोले गए थे।
सौ की कमाई से कर्ज में जा रहे 40 रुपए
विधायक दीप राज ने कहा कि सबसे ज्यादा कर्ज़़ लेने वाली सरकार है। सौ रुपए कमा रहे हैं, तो 40 रुपए कर्ज में जा रहे हैं। डीए की किस्त देने को पैसे नहीं हैं और बजट में पिछले साल के मुकाबले पांच हजार करोड़ रुपए बढ़ा दिया है। मंडी में मिट्टी जांच की एक ही लैब है। सीढ़ीनुमा खेतों में प्राकृतिक खेती संभव नहीं है। प्रदेश सरकार युवाओं को ड्राइवर बनाने जा रही है। सबसिडी की योजनाओं को स्टार्टअप से जोडक़र न देखें।
केंद्र ने पूरा नहीं किया नौकरी का वादा
सीपीएस मोहन लाल ब्राक्टा ने कहा कि बजट में विकास की बात की है। 2014 से पहले कुछ नहीं बना था। इस बात का प्रचार किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने दो करोड़ नौकरी का वादा किया था जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। आपदा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार भी हिमाचल नहीं आए। राज्य सरकार ने यूनिवर्सल कार्टन को लागू किया है।
गैर कृषक एक्ट को खत्म करें
विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने कहा कि कृषक और गैर कृषक एक्ट को खत्म किया जाना चाहिए। प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का प्लान मुख्यमंत्री ने तय किया है। केंद्र सरकार के भेदभाव के बावजूद राज्य सरकार लगातार आगे बढ़ रही है। 22 हजार 600 करोड़ रुपए मिलने थे, लेकिन नहीं मिल पाए हैं। कैंसर से बचाव में प्राकृतिक खेती मददगार साबित होगी। गाय और भैंस के दूध का दाम बढ़ाया गया है। होम स्टे, मिल्क वैन देने का फैसला किया है। इससे किसान मजबूत होंगे। टोल फ्री नंबर से किसान सरकार के साथ सीधी बात कर सकते हैं। विस्थापितों को भूमि आबंटन पर गौर करना होगा।
स्कूलों में एक्वागार्ड दे सरकार
विधायक लोकेंद्र कुमार ने कहा कि स्कूलों में पानी का बोतल देने की जगह कूलर और एक्वागार्ड लगाए जाने चाहिए। महिलाओं को डेढ़ हजार रुपए देने की बात पूरी नहीं हो पाई है। महिलाओं को गुमराह करने के लिए अब लोकसभा चुनाव के समय स्पीति घाटी की बात की जा रही है। सरकार कह रही है कि सत्ता सुख के लिए नहीं आए हैं। जबकि छह लोगों को सीपीएस बना दिया गया है। पशु औषधालय राज्य सरकार ने बंद कर दिए हैं और इसकी वजह से गायों में बांझपन की समस्या बढ़ रही है। बाद में इन्हें लावारिस छोड़ा जा रहा है। राज्य सरकार जल्द यह घोषणा करे की सरकार गोबर खरीदने आ रही है।
शूटिंग की यूनिट आएंगी हिमाचल
विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने कहा कि पूरे प्रदेश में त्रासदी हुई। उसमें मनाली और कुल्लू सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। मुख्यमंत्री तीन दिन कुल्लू में रहे और उन्होंने सडक़ों को शुरू करवाया। जो पर्यटक फंसे थे उन्हें बाहर निकाला गया। मनाली में इंडोर स्टेडियम का निर्माण होगा। इससे युवाओं को अच्छी खेल सुविधाएं मिलेंगी। खिलाडिय़ों के लिए करोड़ों की धनराशि देने का फैसला लिया गया है। इससे युवाओं को प्रेरणा मिलेगी। मनाली में फिल्मों की शूटिंग होती है। राज्य सरकार ने इसमें सरलीकरण किया है। इससे शूटिंग बढ़ेंगी और निवेश भी आएगा, जिससे रोजगार के साधन बढेंगे।
डाक्टरों की तैनाती करे सरकार
विधायक दलीप ठाकुर ने कहा कि सरकार बजट में कुछ नया नहीं कर पाए हैं। बजट से सबका विश्वास उठ गया है। सरकार ने चौदह महीने में चौदह हजार करोड़ का कर्ज ले लिया। 70 वर्ष से ऊपर वालों का इलाज मुफ्त करने की सरकार ने घोषणा की है। लेकिन 70 साल से कम उम्र वाले बीमार होते हैं तो उनका इलाज कैसे होगा। पूर्व सरकार ने सहारा योजना शुरू की थी और इसे राज्य सरकार ने बंद कर दिया है। सरकाघाट में डाक्टरों की नियुक्ति नहीं की है। प्रदेश सरकार राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं केा लेकर ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि लोगों को समय पर सुविधाएं मिल सकें।
परमार ने आपदा में मिली मदद का हिसाब मांगा
विशेष संवाददाता — शिमला
विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि पिछले बजट को तोड़.मरोड़ कर इस बार फिर से पेश कर दिया है। अर्थव्यवस्था में 7.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की बात कही गई है। बजट में आत्मनिर्भर हिमाचल का जिक्र किया है। राज्य सरकार आपदा से प्रदेश को बाहर लाने की बात कह रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार यह भूल रही है कि इससे पूर्व कोरोना की आपदा आई थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को आपदा से बाहर लाई। प्रदेश में हुई आपदा में भारत सरकार ने 1700 करोड़, जबकि 200 करोड़ से ज्यादा स्थानीय लोगों ने मदद की। सभी विधायकों ने एक.एक दिन का वेतन प्रदान किया, लेकिन यह धनराशि कहां खर्च हुई, इसका हिसाब देना होगा। व्यवस्था परिवर्तन सत्ता परिवर्तन के रूप में न हो जाए। विधायक विपिन परमार ने कांगड़ा के हितों की आवाज उठाने का आह्वान क्षेत्र के सभी विधायकों से किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री स्व. जीएस बाली कांगड़ा के हितों की आवाज उठाने के लिए हमेशा मुखर रहते थे। उन्होंने उनके बेटे विधायक आरएस बाली से भी उसी अंदाज में कांगड़ा के हितों की आवाज उठाने का आह्वान किया।
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