बर्फबारी के बीच लाहुल में गोची उत्सव की धूम

सत्तू के आटे का शिवलिंग और देवता युल्ला की हुई पूजा अर्चना; तीर-कमान का खेल रहा आकर्षण का केंद्र

जिला संवाददाता-केलांग
जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के गाहर घाटी में हालड़ा, कुंस प्रमुख त्यौहार खत्म होने के बाद गोची पर्व की धूम मची हुई है। इन दिनों घाटी में बर्फबारी के बीच उत्सव को धूमधाम से मनाया जा रहा है। केलांग बार्ड से जिला परिषद सदस्य कुंगा बौद्ध ने बताया कि इन दिनों पूरे गाहर घाटी में गोची उत्सव की धूम मची है। उन्होंने सभी को इसकी बधाई भी दी हैं स गोची के साथ घाटी में हो रही बर्फबारी से भी स्थानीय लोग बेहद खुश है। गोची उत्सव हर वर्ष गाहर घाटी के ज्यादातर गांव में पुत्र प्राप्ति की खुशी में मनाया जाता है। जबकि प्यूकर गांव में बेटे के जन्म के साथ साथ बेटियों के जन्म पर भी गोची उत्सव मनाया जाता है।

उत्सव में सत्तू के आटे का शिवलिंग बनाया गया। इसकी पूजा करने के बाद स्थानीय देवता युल्ला की भी पूजा अर्चना की गई। जिसके बाद तीर-कमान का खेल खेला गया। मान्यता है कि निशाने पर तीर लगने पर गांव में उतने ही पुत्र होने की भविष्यवाणी की जाती है। ग्राम वासी और रिश्तेदार खूब नाच गाना कर तरह तरह के पारंपारिक पकवानों का लुत्फ उठाते हैं। फिलहाल इन दिनों गाहर वेली के स्टिंगरी क्योर, नमची, ग्वाजांग, कारदंग, छेलिंग और बीलिंग मे गोची पलछांग मनाया जा रहा है। घाटी के प्यूकर गांव में पुत्री पैदा होने की खुशी में भी गोची मनाया जाएगा। प्यूकर गांव में 5 फरवरी को गोची उत्सव को मनाया जाना है। जबकि जिला मुख्यालय केलांग में 14 फरवरी से गोची उत्सव को धूमधाम से मनाया जाएगा।