शास्त्री पर बीएड की शर्त थोपना मंजूर नहीं

संस्कृत एवं संस्कृति संरक्षण संघ मंडी इकाई ने नेता प्रतिपक्ष से मिलकर सुनाया दुखड़ा

स्टाफ रिपोर्टर- सुंदरनगर
मंडी सर्किट हाउस में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से संस्कृत एवं संस्कृति संरक्षण संघ मंडी ईकाई के पदाधिकारियों ने मुलाकात की। अध्यक्ष चमन लाल, उपाध्यक्ष शीतल शर्मा, सचिव विनोद कुमार, प्रदेश महिला मोर्चा महासचिव मंजू सेन, प्रदेश सह सचिव, सुरेश कुमार, राकेश कुमार और मंडी ईकाई के सदस्य करण कुमार, पवन, अर्जुन, अंजना, ललिता, नीता आदि सदस्यों ने शास्त्रियों के साथ हो रहे कुठाराघात से ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाया। अध्यक्ष चमन लाल ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा एनसीटीई का हवाला देते हुए बीएड की शर्त शास्त्री पर थोपना और बीए, एमए वालों को हमारा हक देना हमें खुद के ही घर से निकालने जैसा कुठाराघात अति निंदनीय है।

सनातन संस्कृति धीरे धीरे लुप्त हो रही है, सरकार संस्कृत का लोप करके शास्त्रियों के साथ अन्याय कर रही है। बीए, एमए करने वालों के साथ शास्त्रियों की तुलना करना न्याय संगत नहीं है। इससे सरकार द्वारा संचालित 8 राजकीय संस्कृत महाविद्यालय मंदिर न्यासों द्वारा संचालित 4 संस्कृत महाविद्यालय, केंद्र सरकार के 2 आदर्श संस्कृत महाविद्यालय केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला एवं निजी चल रहे 15 संस्कृत महाविद्यालय में पढऩे वाले हजारों छात्र प्रभावित होंगे। यह सभी संस्थान बंद होने की कगार पर आ जाएंगे । संस्कृत महाविद्यालय में प्राचीन पद्धति से शास्त्रों का अध्ययन कराया जाता है वह प्रथा ही समाप्त हो जाएगी। प्रदेश में चार हजार के लगभग पुराने शास्त्री हैं।

हजारों की संख्या में संस्कृत महाविद्यालय में शास्त्री की डिग्री प्राप्त कर रहे छात्र नौकरी की आस लिए अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं, लेकिन शास्त्री के लिए बीएड का जब कोई भी संस्थान सरकार ने नहीं खोला है, तो सरकार का एनसीटीई को लागू करना बिल्कुल भी न्याय संगत नहीं है। सरकार ने जब शास्त्री की डिग्री के लिए संस्कृत महाविद्यालय खोले थे, उस समय बीएड को जरूरी क्यों नहीं किया गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अगर अपने इस अनायास थोपे गए नियमों को वापस नहीं लेंगे । तो हम अपनी डिग्रियां उनके समक्ष जला कर स्वयं का भी आत्मदाह तक करने के लिए तैयार हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने संस्कृत एवं संस्कृति संरक्षण संघ मंडी ईकाई को आश्वस्त करते हुए कहा कि समस्त शास्त्री वर्ग के साथ वह कभी भी अन्याय नहीं होने देंगे।