मेनरी मोनेस्ट्री दौलांजी में धूमधाम से मनाया लोसर

मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने की बतौर मुख्यातिथि शिरकत, कालाघाट से गनेयार सडक़ को पक्का करने को दिए 60 लाख

निजी संवददाता-सोलन
रविवार को लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मेनरी मोनेस्ट्री दौलांजी में लोसर के उपलक्ष्य में आयोजित मुखौटा नृत्य (छम) में बतौर मुख्यातिथि भाग लिया। इस अवसर पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस धार्मिक अनुष्ठान के शुभ अवसर पर उन्हें आमंत्रित करने के लिए आभार जताया।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मेनरी मोनस्ट्री की स्थापना सन् 1967 में 33वें मेनरी ट्रिज़ीन रिनपोछे द्वारा अनेकों विपरीत परिस्थितियों को सहते हुए किया गया था, जिसका मूल उद्देश्य तिब्बत मूल धर्म की प्राचीन संस्कृति एवं परंपराओं के संरक्षण तथा प्रचार प्रसार करना था। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विलय होने वाली शिमला पहाड़ के रियासतों में बुशहर रियासत प्रदेश के क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य था, जिसका मूल राजधानी वर्तमान किन्नौर जिले के मौने नामक गांव में था जहां आज भी एक किला विद्यमान है। प्रवर्तमान राजधानी रामपुर बुशहर में स्थित है। बुशहर की रियासत की सीमा पश्चिमी तिब्बत से लगती थी। कालाघाट मेनरी मोनेस्ट्री तक सडक़ को पक्का करने की मांग पर लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि कालाघाट से गनेयार तक सडक़ को पक्का करने के लिए 60 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है और आने वाले समय में या सडक़ जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा।