स्टूडेंट पोर्टल में प्रोग्रामिंग एरर, सुधारे एसपीयू

एबीवीपी ने परीक्षा नियंत्रक को सौंपा ज्ञापन, सेमेस्टर परीक्षा फार्म की तिथि बढ़ाने की मांग
कार्यालय संवाददाता-मंडी
एबीवीपी सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी इकाई द्वारा विश्वविद्यालय परीक्षा नियंत्रक के समक्ष एंड सेमेस्टर एग्जामिनेशन फॉर्म की तिथि को बढ़ाने हेतु ज्ञापन सौंपा गया।’ विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दो फरवरी को नोटिस जारी कर परीक्षा फार्र्म भरने की अंतिम तिथि 12 फरवरी निर्धारित की गई थी। विद्यार्थी परिषद ने ज्ञापन के माध्यम से फॉर्म भरने की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग करी। इकाई अध्यक्ष हर्षित मिन्हास ने कहा कि अभी तक बहुत से नए छात्रों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है और विश्वविद्यालय की वेबसाइट में अभी भी बहुत सी प्रोग्रामिंग एरर दिखाई दे रही हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन को हर हाल में फॉर्म भरने की तिथि को बढ़ाना ही होगा। उन्होंने कहा कि बीते एक महीने से हजारों छात्रों ने विद्यार्थी परिषद के समक्ष अपने स्टूडेंट पोर्टल में आ रही समस्याओं को रखा। इन में से अधिकतर समस्याएं प्रोग्रामिंग एरर की वजह से आ रही हैं। बहुत से छात्रों के एग्जामिनेशन फॉर्म में भरने के लिए गलत पेपर कोड आ रहे हैं जिससे वे अभी तक एग्जामिनेशन फॉर्म नहीं भर सके। छात्रों ने कहा कि वे जिन पेपरों में पास हो चुके हैं उन्हें वो पेपर कोड दोबारा से भरने के लिए आ रहे हैं एवं कुछ छात्रों को पोर्टल में दोबारा से पुराने सेमेस्टर के पेपर कोड भरने के ऑप्शन दिखाई दे रहे हैं।

विद्यार्थी परिषद ने पहले भी एग्जामिनेशन ब्रांच में इन समस्याओं को रखा था। परंतु इसके बावजूद बहुत से छात्रों के पोर्टल में ऐसे विभिन्न प्रोग्रामिंग एरर मौजूद हैं। हर्षित मिन्हास ने कहा कि वे जानते हैं कि विश्विद्यालय में स्टाफ की भारी कमी मौजूद है। उन्होंने कहा कि एग्जामिनेशन ब्रांच के सभी कर्मचारी पिछले कई महीनों से काफी मेहनत से कार्य कर रहे हैं। परंतु वेबसाइट में प्रोग्रामिंग एरर की वजह से छात्रों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।’ ऐसे में खराब प्रोग्रामिंग के चलते छात्रों के बीच विश्वविद्यालय की छवि लगातार खराब हो रही है। विद्यार्थी परिषद ने परीक्षा नियंत्रक और फाइनांस ऑफिसर से ज्ञापन के माध्यम से इस मांग को भी उजागर किया कि यदि प्रोग्रामिंग कंपनी और प्रोग्रामर विश्वविद्यालय की वेबसाइट संभालने में सक्षम नहीं हैं तो टेंडर में बदलाव किया जाए।