परवाणू में शिक्षा की लौ जगा रही संत निश्चल सिंह फाउंडेशन

घर-घर बच्चों को पहुंचा रही संस्था, एजुकेशनल ग्रूमिंग जैसे कार्यक्रम से बच्चों को प्रतिभा में आ रहा निखार
निजी संवाददाता-परवाणू
औद्योगिक नगरी परवाणू में कार्यरत एनजीओ संत निश्चल सिंह (एसएनएस) फाउंडेशन घर-घर जाकर शिक्षा की अलख जगा रही है। नॉन रेजिडेंशियल स्पेशल ट्रेनिंग (एनआरएसटी) प्रोग्राम के अंतर्गत फाउंडेशन उन लोगों को स्कूल पहुंचाने का कार्य कर रही है, जो बच्चे किसी कारणवश स्कूल नहीं जा पा रहे है। फाउंडेशन के कर्मी पहले सर्वे करके उन बच्चों का पता करते है जो बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच पा रहे है। इसके बाद उन बच्चों के पेरेंट्स को मोटिवेट करके बच्चों को संस्था द्वारा शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है। एसएनएस फाउंडेशन में बच्चों की एजुकेशनल ग्रूमिंग की जाती है व उनमे लर्निंग एबिलिटी विकसित की जाती है। बच्चा जब पढऩे लिखने के काबिल हो जाता है तो निकटवर्ती सरकारी प्राइमरी स्कूल में उसका दाखिला करवा दिया जाता है।

दाखिले से पूर्व स्कूल द्वारा बच्चे का बाकायदा टेस्ट लिया जाता है। टेस्ट क्लियर करने पर ही बच्चे का स्कूल में दाखिला लिया जाता है। एसएनएस फाउंडेशन इस प्रोग्राम के माध्यम से अब तक लगभग 250 बच्चों को स्कूल भेज चुकी है। गौरतलब है की अेानंद ग्रुप की सीआरएस स्कीम के अंतर्गत कार्यरत एसएनएस फाउंडेशन पिछले लगभग दो दशकों से परवाणू व आसपास के क्षेत्र में समाज सेवा के कार्य कर रही है। फाउंडेशन द्वारा पिछले लगभग सात साल से डाइट सोलन के सहयोग से एनआरएसटी प्रोग्राम चलाया जा रहा है। फाउंडेशन के कर्मी परवाणू के विभिन्न स्लम एरिया में जाकर छह साल से ऊपर आयुवर्ग के उन बच्चो की लिस्ट बनाते है, जोकि किसी कारणवश स्कूल नहीं जा पा रहे है।