56 घंटे चला विधानसभा का बजट सत्र, बजट पर चर्चा को सत्ता पक्ष को 29, विपक्ष को मिले 25 घंटे
विशेष संवाददाता — शिमला
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा कि बजट सत्र में सदन की कार्यवाही कुल 56 घंटे एक मिनट चली और इसकी कार्य उत्पादकता 93.33 प्रतिशत रही। इसमें सत्तापक्ष को मुख्यमंत्री के बजट भाषण सहित 29 घंटे 23 मिनट का समय मिला। विपक्ष को 25 घंटे 48 मिनट का समय मिला, जबकि निर्दलीय विधायकों को 26 मिनट का समय दिया गया। इस सत्र में कुल 12 बैठकें आयोजित की गईं। यह सत्र 14 फरवरी, 2024 को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ आरंभ हुआ था। इस पर 15 और 16 फरवरी को दो दिन चर्चा की गई। 17 फरवरी को मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट अनुमानों को प्रस्तुत किया। इस पर 19 से 22 फरवरी तक चार दिन चर्चा और पारण किया गया। 28 फरवरी को वर्ष 2024-25 के लिए बजट पारित किया गया। उन्होंने कहा कि 28 फरवरी को सत्र अपेक्षा अनुरूप पूर्ण सफलता के साथ संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि इस सत्र में सदस्यों ने कुल 917 प्रश्न सरकार से पूछे थे, इसमें 626 प्रश्न तारांकित और 291 अतारांकित प्रश्न की सूचनाएं प्राप्त हुईं। इसके अतिरिक्त सदन में नियम 62 के तहत एक विषय पर सार्थक चर्चा की गई।
नियम 101 के अंतर्गत तीन विषयों पर चर्चा की गई। पिछले शीतकालीन सत्र में सात बैठकों का आयोजन किया गया था। इसकी कार्यवाही 33 घंटे चली थी और उसकी उत्पादकता 132 प्रतिशत रही थी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदस्यों से प्रश्नों के माध्यम से जो सूचनाएं प्राप्त हुई थीं, वे मुख्य रूप से प्रदेश में भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न हुई स्थिति सरकार द्वारा आपदा से निपटने के लिए किए गए प्रयासों, सडक़ों की दयनीय स्थिति सहित उनकी बहाली पर आधारित थीं। इसके अतिरिक्त माननीय सदस्यों ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को भी सदन में प्रमुखता से उठाया तथा सरकार से आश्वासन भी प्राप्त किए।
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