मंडी के 50 स्वयंसेवी शिक्षक जलाएंगे ज्ञान की लौ

कार्यालय संवाददाता-मंडी
भारत सरकार द्वारा देश के सभी नागरिकों को साक्षर करने के उद्देश्य हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में किए गए प्रावधानों को लागू करने हेतु समाज के 15 वर्ष से अधिक के असाक्षर व्यस्कों को साक्षर बनाने हेतु 2022 से 2027 तक एक विशेष कार्यक्रम नवभारत साक्षरता कार्यक्रम-उल्लास के अंतर्गत गांव के स्वयंसेवी शिक्षकों को प्रशिक्षित करके समाज के असाक्षर लोगों को साक्षर बनाने का बीड़ा उठाया गया है । इस कड़ी में जिला मंडी के शिक्षा खंड सदर-दो कटौला में लगभग 50 स्वयंसेवी शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी सदर द्वितीय की अध्यक्षता में संपन्न हुआ ।

स्वयंसेवी शिक्षकों को नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्यों व विभिन्न आयामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। जिसमें प्रमुख रूप से मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान ,जीवन के महत्वपूर्ण कौशलों का ज्ञान जिसमें वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, दैनिक जीवन में आ रही कठिनाइयों का सामना करना, वित्तीय लेनदेन, मुद्रा, साइबर सुरक्षा, व्यावसायिक कौशलों का विकास, आधारभूत शिक्षा और सतत शिक्षा के विभिन्न पहलुओं के साथ स्वयंसेवी की भूमिका, प्रमुख संसाधनए मूल्यांकन और प्रमाणिकरण पर प्रमुख संसाधन व्यक्ति मोहन सिंह सकलानी और परम देव ठाकुर के द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई। इस कड़ी में प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी ने स्वयंसेवियों को संबोधित करते हुए आह्वान किया कि शिक्षा खंड सदर द्वितीय में लगभग 439 असाक्षर लोगों को साक्षर किया जाएगा और स्वयंसेवियों से आह्वान किया कि प्रशिक्षण में बताए गए विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सभी असाक्षर लोगों को साक्षर बनाने का सफल प्रयास करें । इस अवसर पर मोहन सिंह सकलानी और परम देव ने भी नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोगाम) की भूमिका व महत्वपूर्ण उद्देश्यों के साथ.साथ विभिन्न आयामों पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में खंड कटौला के दूरदराज क्षेत्र से कुछ माताएं अपने नन्हे नन्हे बच्चों को लेकर भी इस कार्यक्रम में शामिल हुईं जिससे उन सभी का इस कार्यक्रम के प्रति जुनून देखते ही बनता है।