उम्र 95 लेकिन 80 साल से नलवाड़ में बांध रहे पगडिय़ां

आधुनिकता के दौर में भगत राम ने उम्र लगा दी परंपरा को सजोने में, वीआईपी से लेकर आम तक को बांधी पगड़ी
स्टाफ रिपोर्टर-सुंदरनगर
सुंदरनगर के राज्य स्तरीय नलवाड़ मेला में अगर भगत राम से आपने पगड़ी नहीं बंधवाई तो फिर नलवाड़ में पगड़ी पहनने का आनंद आपने खो दिया। भगत राम पिछले 80 सालों से सुंदरनगर के नलवाड़ और अंतराष्ट्रीय शिवरात्रि मेलों में वीआईपी से लेकर आम जन के सिर पर पगड़ी बांधते आ रहे है। 92 वर्ष की उम्र के पड़ाव में 80 साल तो मेलों में पगड़ी बांधते गुजर गई। उनके बांधे हुए पकड़ी की झलक सोशल मीडिया में उस समय देखने को मिलती है। जब आम से खास लोग उनकी तैयार पगड़ी को लगाकर जलेब में शिरकत करते हुए फ़ोटो और वीडियो अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर करते है। सबसे बडी बात है कि भगत राम पगड़ी के बदले कोई उन्हें इच्छा अनुसार कुछ पैसे दे दिए, तो भी साफा लगाया और कोई न दें तो भी वे किसी की गिला भगत राम मन से नहीं करते है।

सुंदरनगर के वरिष्ठ नागरिक को पगड़ी बांधने की कला को सभी सहराते हुए मान सम्मान देते है। मगर इस पारंपरिक ताने बाने को सजोने के लिए न कभी सुंदरनगर प्रशासन आगे और न ही मंडी जिला के प्रशासन में इस बुजुर्ग के लिए आतुरता है। जिन्होंने राजाओं के वक्त से लेकर आज आम जन तक के सिर पर पगड़ी सजाने और बांधकर एक आम जन को भी आर्कषक और विशिष्ट बना दिया। भगत राम ने इस बदलते युग में भी आज भी इस परंपरागत कार्य को संजोते हुए आम से खास लोगों और महिला के सिर पर इस पारंपरिक ताज सजाने का कार्य कर रहे है।मेले के समापन पर जलेब में शिरकत करने पहुंची महिलाएं भी साफा लगाकर जलेब का हिस्सा बनती हैं।