राजनीतिक सुर्खियों में छाए चैतन्य शर्मा

कांग्रेस के कंधे पर सवार होकर पहुंचे विधानसभा,भाजपा है अब नया ठिकाना
स्टाफ रिपोर्टर-गगरेट
अपने युवा शक्ति पराक्रम सामाजिक संगठन के जरिए विधानसभा क्षेत्र गगरेट की राजनीति में एंट्री कर राजनीतिक गलियारों में सुर्खियों में आए पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा ने बेशक विधानसभा पहुंचने का रास्ता कांग्रेस के कंधे पर सवार होकर पूरा किया लेकिन अब उनका नया ठिकाना भाजपा है। कभी कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड दिल्ली के गलियारों में घूमने वाले चैतन्य शर्मा शनिवार को जब पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग दिल्ली में भाजपा मुख्यालय पहुंचे तो उनके स्वागत में स्वयं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल के साथ बाहें बिछाए खड़े थे। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने जितनी सहजता के साथ उनका साथ स्वीकार कर लिया क्या उतनी ही सहजता के साथ भाजपा कार्यकर्ता भी उन्हें स्वीकार करेंगे, अब सबकी नजरें इस पर टिक गई हैं। हालांकि वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी चैतन्य शर्मा भाजपा टिकट से ही चुनाव मैदान में उतरने के इच्छुक थे लेकिन उस समय भाजपा में उनकी दाल नहीं गली तो उन्होंने कांग्रेस के कंधे पर सवार होना स्वीकार किया।

प्रदेश में कांग्रेस सरकार के सत्तासीन होने के बाद चैतन्य शर्मा काफी समय तक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इर्द-गिर्द ही रहे लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू के कोर ग्रुप में एंट्री न पा सके। चैतन्य शर्मा जिस प्रकार तीखे लहजे में अपनी ही सरकार को विधानसभा के अंदर तीखे सवाल पूछ कर घेर रहे थे उससे राजनीतिक विश्लेषक यह तो भांप गए थे कि चैतन्य शर्मा के अंदर अपनी ही सरकार के प्रति तल्खी भरी हुई है ,महज चौदह माह में ही वह बागी तेवर अख्तियार कर लेंगे इसकी परिकल्पना स्वयं मुख्यमंत्री ने भी नहीं की होगी। अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी तो नहीं गई ,जिस प्रकार चैतन्य शर्मा ने अयोध्या पहुंच कर जय श्रीराम के उद्घोष लगाए उसके भी कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे थे। चैतन्य शर्मा अब भाजपा नेता हैं। भाजपा हाईकमान ने सहर्ष उन्हें गले लगाकर स्वीकार कर लिया है।