मंडी शहर में ही बिक जाता है आठ करोड़ का चिट्टा

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व अधिकारी ने पेश किए हैरान करने वाले आंकड़े, टास्क फ ोर्स सुदृढ़ करने पर दिया बल

स्टाफ रिपोर्टर- मंडी
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व अधिकारी एवं राज्य निवार्ण बोर्ड के संयोजक आपी शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भी पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर नशे की चपेट में युवा वर्ग तेजी से आ रहा है। जिसे रोकने के लिए सरकार और समाज को सामुहिक प्रयास करने होंगे। पत्रकारों से बात करते हुए ओपी शर्मा ने कहा कि प्रदेश में नशे के इस मकडज़ाल को तोडऩे के लिए करीब सौ करोड़ रूपए की लागत से राज्य एंटिनारकोटिक्स टास्क फोर्स को सुदृढ़ करते हुए इसमें ढाई सौ के करीब प्रशिक्षित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की आवश्यक्ता है। जिन्हें कमांडो प्रशिक्षण देकर नशा माफि या के खिलाफ तैयार करना होगा।

उन्होंने बताया कि हिमाचल का कोई भी हिस्सा नशे की हद से अछूता नहीं रहा है। भांग अफ ीम से आगे अब युवा पीढ़ी चिट्टा और अन्य घातक नशे की आदी हो रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन की तर्ज पर हिमाचल में भी नशे का कारोबार पनप रहा है। जबकि सरकार का नशा निवार्ण बोर्ड एक तरह से पंगु बनाकर रख दिया गया। उन्होंने कहा कि उनके नशा निवार्ण बोर्ड के संयोजक एवं सलाहकार रहते हुए जो एकीकृत नशा निवारण नीति बनाई गई थी उसे लागू ही नहीं किया जा सका है। ओपी शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे से राज्य में चिट्टे का कारोबार इतना बढ़ गया है कि इससे आने वाली पीढ़ी बर्बाद हो रही है। उन्होंने बताया कि अकेले मंडी शहर में ही चार से आठ करोड़ का चिट्टा बिक रहा है। जबकि सुंदरनगर में तो स्थिति इससे भी भयावह है, यहां पंद्रह मिनट में ही तीन करोड़ रूपए का चिट्टा बिक जाता है। उन्होंने बताया कि नशे का यह नेटवर्क इतना व्यापक हो गया है कि नशाखोरों के लिए घर घर तक सप्लाई हो रही है ।

युवाओं में मेंटल हैल्थ की समस्या
ओपी शर्मा ने कहा कि छोटी उम्र में नशे का आदी हो जाने से युवाओं में मैंटल हैल्थ की समस्या पैदा हो रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा गठित नशा निवार्ण बोर्ड बंद कर दिया गया है। वहीं नशा निवार्ण के लिए फं डिंग भी बंद हो गई है। जबकि नशा निवारण केंद्रों की हालत भी ठीक नहीं है। वहां पर मरीजों से मारपीट की जाती है। यहां तक कि कई जगहों पर नशे की सप्लाई होती है। यह अकेले पुलिस का कार्य नहीं है हम सबको सजग होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नशाखोरी अब वैश्विक समस्या बन गई है। जो चीन और अमेरिका में हो रहा है। वही सब हिमाचल में भी हो रहा है। इसके लिए मिशन डिवेलपमेंट फार ड्रगस कंट्रोल के अलावा युवाओं को खेलों की ओर मोडऩा होगा।