विकास पर मुंह मोड़ लेते थे सीएम

हमीरपुर में जनसभा के दौरान विधायक आशीष शर्मा ने बोला हमला, मुख्यमंत्री आश्वासन देकर झाड़ लेते थे पल्ला
स्टाफ रिपोर्टर-हमीरपुर
विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर की समस्याओं को लेकर जब भी मुख्यमंत्री से मिलता तो वह मुंह फेर लेते थे। मंैने कई बार क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उनसे बात करनी चाही, लेकिन उन्होंने मिलना मुनासिब नहीं समझा। कई बार सिर्फ आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। जनता अपनी समस्याएं लेकर लगातार मुझसे संपर्क करते तथा में उनकी समस्याओं के शीघ्र समाधान का वायदा कर देता, परंतु कांग्रेस नेतृत्व ने मेरी बातों को अनसुना किया है। यह बात मुलाणा में आयोजित जनसभा के दौरान हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने जिला के ही तीन विधायकों को नहीं संभाल पाए तो पूरे प्रदेश को कैसे चलाएंगे। एक बार मैं उन्हीं के एक विधायक के कार्यक्रम में चला गया तथा उसके बाद से मुख्यमंत्री पूरी तरह नाराज हो गए। शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जब अपने प्रवास के दौरान नादौन में थे तो मैं उनसे मिला तथा नाराजगी का कारण पूछा।

मैने कहा मुझे राजनीति का ज्यादा अनुभव नहीं है, यदि कोई गलती हो गई है तो क्षमा करें। मुख्यमंत्री इसके उपरांत छह महीने तक उनसे मिले ही नहीं। यह उनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। आशीष शर्मा ने कहा कि बहुत जल्द प्रदेश सरकार गिरने वाली है। एक बार ऐसा हुआ तो फिर यह सरकार आगामी 20 वर्षों तक कहीं नहीं दिखेगी। हिमाचल को कांग्रेस मुक्त मुख्यमंत्री ही करेंगे। शर्मा ने कहा कि यदि मैं राजनीति में आया हूं तो सेवाभाव से आया हूं। शर्मा ने कहा कि हर राज्य में विकासात्मक कार्य चले हुए हैं। ऐसी मजबूत पार्टी का साथ देकर हिमाचल को और स्मृद्ध किया जाएगा। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस जिला अध्यक्ष देशराज शर्मा, सुंदरनगर के विधायक राकेश जंबाल, नादौन से पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री, घुमारवीं विधानसभा से भाजपा नेता राजेश कुमार, एपीएमसी के पूर्व चेयरमैन अजय शर्मा सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।

गसोता महादेव मंदिर में की पूजा अर्चना
हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा का भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के उपरांत हमीरपुर लौटने पर जोरदार स्वागत किया गया। हमीरपुर विधानसभा के सीमांत क्षेत्र ऊखली में काफी अधिक संख्या में कार्यकर्ता एकत्रित हुए तथा फूलों की बारिश कर आशीष शर्मा का स्वागत किया गया। गसोता महादेव मंदिर पहुंचकर उन्होंने पूजा अचर्ना की तथा उसके उपरांत अपने घर पहुंचे।