गगरेट में गुटबाजी का खतरा बढ़ा

विधायक चैतन्य शर्मा के भाजपा में जाने की अटकलों के बीच सुलगी चिंगारी,विधानसभा उपचुनाव में रोचक संघर्ष के आसार

स्टाफ रिपोर्टर-गगरेट
विधानसभा क्षेत्र गगरेट से अयोग्य करार दिए गए विधायक चैतन्य शर्मा के भाजपा में जाने की अटकलों के बीच कांग्रेसी खेमे में टिकट के चाहवानों की ऐसी बांछें खिली हैं मानो बिल्ली के भाग्य से छींका टूट कर जमीन पर गिर आया हो। लोकसभा चुनाव के साथ ही गगरेट में विधानसभा उपचुनाव होने की उम्मीद है। निर्वाचन आयोग ने इसकी घोषणा कर दी है लेकिन उच्चतम न्यायालय में अयोग्य करार दिए गए विधायकों की याचिका पर अभी छह मई तक विधानसभा चुनाव पर रोक है। जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे टिकट के तलबगारों की लिस्ट भी लंबी होती जा रही है। ऐसे में गगरेट कांग्रेस गुटबाजी की शिकार होकर न रह जाए इसकी भी संभावनाएं प्रबल बताई जा रही हैं। वर्ष 2012 में पुनर्सीमांकन के बाद अनारक्षित हुए विधानसभा क्षेत्र गगरेट में टिकट आवंटन के समय जो परिस्थितियां बनी थीं, ठीक वैसी ही परिस्थितियां अब बनती नजर आ रही हैं। टिकट के चाहवान अभी से अपनी-अपनी डफली तो अपना-अपना राग अलापने में लग गए हैं। कोई अपना मजबूत जनाधार दिखाने के लिए नुक्कड़ सभाओं का सहारा ले रहा है तो कोई सोशल मीडिया पर ही अपनी मजबूत दावेदारी जता रहा है। हालांकि जिनमें वजन है वे अभी खुलकर अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं।

टिकट की कशमकश में टिकटार्थी बाहर से तो एकजुटता दिखाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन दूसरे की पीठ फिरते ही उसके खिलाफ खूब आग उगल रहे हैं। जो परिस्थितियां अयोग्य करार दिए गए विधायक चैतन्य शर्मा के पाला बदल लेने के बाद बनी हैं उनमें पार्टी को कैसे एकजुट रखा जाए इस ओर शायद ही किसी का ध्यान है। यही नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव में भाजपा के सशक्त उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर का विजय रथ कैसे रोकना है इस पर भी कोई चर्चा नहीं हो रही है। बस एक जगह से दूसरी जगह चक्कर लगाकर टिकटार्थी यह प्रचार जरूर कर रहे हैं कि उनकी दावेदारी इस बार पक्की है और उनका टिकट लगभग फाइनल है। मौजूदा राजनीतिक परिदृष्य में कांग्रेस वर्कर हताश व निराश है लेकिन टिकटार्थियों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में तो गगरेट कांग्रेस गुटबाजी की ओर बढ़ती प्रतीत हो रही है। जिसका आगामी चुनाव में भी नुकसान हो सकता है। उधर ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर सुरेंद्र सिंह कंवर ने स्थानीय कांग्रेस नेताओं को सख्त हिदायत दी है कि ब्लाक कांग्रेस की अनुमति के बिना कोई भी नेता न तो स्वयं कांग्रेस के नाम से बैठकों का आयोजन करे और न ही अपना-अपना प्रचार करे। फिलहाल कांग्रेस का प्रचार करें।