दौलतपुर चौक में राम नाम की गूंज

स्टाफ रिपेार्टर-दौलतपुर चौक
क्षेत्र के श्री छिन्नमस्तिका धाम हरवाल में चल रही श्रीराम कथा के दौरान मंगल भवन अमंगल हारी, द्रबहुसु दसरथ अजर बिहारी जैसी चौपाइयों से समूचा गांव गूंज उठा। श्रीराम कथा के चौथे दिन सोमवार को प्रभु राम की महिमा का गुणगान व्याख्यां करते हुए तुलसी कुटीर आनंद आश्रम मधुवन कुनिहार के आचार्य नड्डा ने बताया कि श्रीराम कथा आत्म चिंतन है। उन्होंने वर्तमान समय में हो रही गौ हत्या/गौ अत्याचार पर चिंता व्यक्त की। तत्पश्चात उन्होंने सीता स्वयंवर का प्रसंग सुनाया और बताया कि प्रभु राम ने अयोध्या से जनकपुरी तक यात्रा की उस यात्रा में उन्हें तीन नारियां मिलीं। एक ताडक़ा, दूसरी अहिल्या व तीसरी माता सीता। मेरे प्रभु राम ने ताडक़ा का मरण, अहिल्या को तरण व माता सीता को श्रीराम ने वरण किया। सीता शक्ति हैं और राम ब्रह्म हैं।

श्रीराम माता सीता का वरण करना चाहते हैं, मगर राजा जनक ने स्वयंवर बुलाकर शर्त रखी कि जो राजा धनुष उठाएगा, सीता उसी के गले में वर माला डालेंगी। स्वयंवर में अनेकों बलशाली राजा आए थे, मगर धनुष उठा नहीं पाए। धनुष अहंकार का प्रतीक है, वे सभी राजा भी अहंकारी थे। अत: अहंकार-अहंकार को तोड़ ही नहीं सकता था। प्रभु राम संस्कारी व शालीन थे। इसलिए उन्होंने धनुष को नतमस्तक होकर उठाया और तोड़ दिया। इस अवसर पर घाटी वाले बाबा माधोदास, गरीबदास, बाबा राकेश शाह, जिला पार्षद सुशील कालिया, राज ठाकुर, रिंकू ठाकुर, प्रदीप ठाकुर एवं संजय पूर्जा आदि उपस्थित रहे।