केएल ठाकुर का इस्तीफा…नालागढ़ में चढ़ा सियासी पारा

कांग्रेस और भाजपा के खेमों में मची हलचल, उपचुनाव में कार्यकताओं के साथ तालमेल बैठाने के लिए दोनों पार्टियां में चर्चाएं हुई शुरू
दिव्य हिमाचल ब्यूरो-नालागढ़
निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है। बदले सियासी हालातों के बाद अब जहां नालागढ़ में उपचुनाव होना तय है वहीं केएल ठाकुर का चुनाव मैदान में उतरना भी निश्चित है। केएल ठाकुर के भाजपा की टिकट पर उतरने की चर्चाओं के बीच नालागढ़ की सियासी जमीन में उठापठक भी तय मानी जा रही है, क्योंकि भाजपा यहां से पहले ही पूर्व विधायक लखविंदर राणा को पिछले चुनाव में अपना प्रत्याशी बना चुकी है। यदि केएल ठाकुर भाजपा की टिकट हासिल कर लेते है तो पूर्व विधायक लखविंदर राणा या तो कांग्रेस में वापसी कर सकते है या फिर वह भी निर्दलीय चुनावी मैदान में ताल ठोक सकते है। कांग्रेस के पूर्व में प्रत्याशी रहे हरदीप बावा ने भी उपचुनाव के लिए जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है, हालांकि लखविंद्र राणा की कांग्रेस में वापसी की अटकलों के बीच बावा की रणनीति क्या होगी इसे लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है।

फि लवक्त केएल ठाकुर के इस्तीफे ने नालागढ़ की सियासत में जबरदस्त हलचल मचा दी है, इसी हलचल के बीच भाजपा के पूर्व प्रत्याशी लखविंद्र राणा ने अपना सियासी सफर किस दल के साथ तय करना है उसके सर्मथकों के साथ बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। कांग्रेस प्रत्याशी रहे हरदीप बावा ने आगामी रविवार को कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है जिसमें उपचुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी। गौरतलब है कि जिला सोलन में भाजपा की 5-0 से करारी हार हुई थी और नालागढ़ से आजाद उम्मीदवार केएल ठाकुर ने जीत हासिल की थी। उनका टिकट काट कर भाजपा ने लखविंद्र राणा को दिया था, लेकिन राणा तीसरे स्थान पर रहे। उसके बाद केएल ठाकुर ने सुक्खू सरकार को समर्थन दिया लेकिन राज्य सभा के चुनाव में वह भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के साथ हो लिए, इसी के बाद से निर्दलीय केएल ठाकुर की भाजपा से नजदीकियां बढ़ती गई, फिर इस्तीफा देते हुए भाजपा में घर वापसी की राह पक्की कर ली।

केएल ठाकुर वर्ष 2012 में पहली बार यहां से चुनाव लडऩे के बाद विधायक बने थे, उनका मुख्य सामना कांग्रेस के लखविंदर राणा से हुआ था। वर्ष 2017 के चुनाव में केएल ठाकुर कों पराजय का सामना करना पड़ा था, क्योंकि यहां से पूर्व विधायक एवं कांग्रेस प्रत्याशी लखविंदर राणा दूसरी मर्तबा विधायक बने, जबकि हरदीप बावा ने टिकट न मिलने पर यहां से आजाद उम्मीदवार के रूप में ताल ठोंकी थी। 2022 के चुनाव में फिर से मुकाबला त्रिकोणा हो गया और भाजपा का टिकट पूर्व विधायक लखविंदर राणा को मिलने के कारण केएल ठाकुर ने यहां से निर्दलीय उ मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतर और वह यहां से 13264 वोटों से विजयी भी हुए।