गन्ने की खेती से कुलदीप सिंह कमा रहे लाखों

शक्कर खरीदने दूर-दूर से आते हैं लोग,डिमांड इतनी एडवांस बुकिंग करवाते है, अन्य युवाओं के लिए भी बने हैं प्रेरणा के स्रोत
निजी संवाददाता-बड़सर
गन्ने की खेती से लाखों की आमदनी कर कुलदीप सिंह ने दूसरे किसानों के लिए मिसाल पेश की है। हर वर्ष टनों के हिसाब से देशी शक्कर बेचकर वे लाखों रुपए कमा रहे हैं। उपमंडल बड़सर की ग्राम पंचायत महारल के होलत गांव के कुलदीप सिंह भूतपूर्व सैनिक हैं। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने पाया कि 400 कनाल भूमि होने के बावजूद पारंपरिक खेती कर उन्हें ज्यादा मुनाफा नहीं हो पा रहा है। इसके बाद उन्होंने अपनी 40 कनाल भूमि में गन्ने की पैदावार शुरू की। सिंचाई के लिए एक बड़ा पानी का टैंक बनाया इसके लिए सरकार से सहायता भी मिली। अपने खेतों के साथ ही एक कच्चा शेड तैयार किया। उसमें कोहलू की मदद से गन्ने का रस निकाला जाता है फिर उसे तेज आंच पर बड़ी कड़ाही में काढ़ा जाता है। एक बार में इस कड़ाही में 30 किलो शक्कर तैयार हो जाती है। हर वर्ष कुलदीप सिंह लाखों रुपयों की देशी शक्कर बेच रहे हैं।

खास बात ये है कि उनके प्रोडक्ट को न तो किसी मार्केटिंग की जरूरत है और न ही इसे बाजार तक पहुंचाने की। उनकी देशी शक्कर सीधे उनके खेतों से ही लोग एडवांस बुकिंग कर ले जाते हैं। बता दें की देशी शक्कर को चीनी का बेहतर विकल्प माना जाता है। शूगर के मरीजों के लिए ये रामबाण है तथा इसके किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट नहीं होते। बाजार में मिलने वाली शक्कर में मिलावट के डर से लोग देशी शक्कर खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। कुलदीप सिंह का कहना है कि गन्ने की खेती फायदेमंद सौदा है। किसानों को अपनी 10 से 15 कनाल भूमि में इसे जरूर बीजना चाहिए। उनका कहना है कि टनों के हिसाब से शक्कर तैयार करने के बावजूद इसकी डिमांड पूरी नहीं हो पाती है। वहीं कुलदीप सिंह अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं जिन्होंने स्वरोजगार की राह को अपनाया है।

10-15 कनाल भूमि में जरूर करें गन्ने की खेती
कुलदीप सिंह का कहना है कि गन्ने की खेती फायदेमंद सौदा है। किसानों को अपनी 10 से 15 कनाल भूमि में इसे जरूर बीजना चाहिए। उनका कहना है कि टनों के हिसाब से शक्कर तैयार करने के बावजूद इसकी डिमांड पूरी नहीं हो पाती है।