11 दिन से मरीज बेहाल, कब खत्म होगी हड़ताल

डाक्टरों की पेनडाउन हड़ताल मरीजों पर पड़ रही भारी, अढ़ाई घंटे इलाज नहीं

कार्यालय संवाददाता-कुल्लू
सरकार….डाक्टरों की पेनडाउन हड़ताल को 11 दिन हो गए। कब तक मरीज उपचार के लिए डाक्टरों का अढ़ाई घंटे का इंतजार करते रहेंगे। गरीब तबके के लोग उपचार के लिए परेशान हो रहे हैं। पैसे वाले लोग तो निजी अस्पतालों में उपचार के लिए जाएंगे, लेकिन गरीब तबके के लोग सरकार अस्पताल पर भी निर्भर है। लेकिन यहां पर भी डाक्टरों की हड़ताल से बेहाल हो गए हैं। यह सवाल अब मरीजों और तीमारदारों ने सरकार से किया है। कड़ाके की ठंड में हर दिन मरीज साढ़े नौ बजे से 12 बजे दोपहर तक डाक्टरों का इंतजार करते-करते थक रहे हैं। यही नहीं ठंड में मरीजों का दर्द और बढ़ रहा है। लिहाजा, 11 दिनों से मरीज बेहाल हो गए हैं। लेकिन सरकार डाक्टरों की मांगों पर चुप है। इसका खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। गुरुवार को भी क्षेत्रीय अस्पताल सहित जिला कुल्लू के स्वास्थ्य केंद्रों में डाक्टरों की हड़ताल जारी रही। जिससे स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। दूर दराज क्षेत्रों से उपचार के लिए आए मरीजों को अढ़ाई घंटे तक स्वास्थ्य चेकअप की सुविधा न मिलने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

अभी सरकार ने वार्ता को नहीं बुलाया
चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष डा. कल्याण ठाकुर का कहना है कि डाक्टरों की हड़ताल का गुरुवार को 44 दिन हो गए हैं, लेकिन पेंडेंट स्ट्राइक का 11 दिन है। अपनी मांगों को लेकर डाक्टर हड़ताल कर रहे हैं। अभी तक सरकार की तरफ से वार्ता के लिए नहीं बुलाया है। उन्होंने कहा की उम्मीद है कि जल्द सरकार डाक्टर एसोसिएशन को वार्ता के लिए बुलाएगी।

हड़ताल ने जनता परेशान
गुरुवार को मरीज के साथ आए तीमारदार तेज राम ने कहा कि डॉक्टरों की हड़ताल से दूरदराज से आने वाले लोगों को क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। डाक्टरों की हड़ताल से जनता परेशान हैं। सरकार को इस समस्या का समाधान जल्द करना चाहिए।

बिना उपचार लौटना पड़ रहा है घर
मंडी जिला के ज्वालापुर के निवासी राज ने कहा कि पिछले11 दिन से डाक्टरों की हड़ताल ने परेशान कर दिया है। यहां पर डॉक्टर हड़ताल होने के कारण बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि गांव के लिए बसें निर्धारित समय में चलती है। समय पर अस्पताल में मरीजों का स्वास्थ्य चेकअप नहीं होने के कारण लोगों को घर जाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। वहीं, सुमित्रा वर्मा ने कहा कि पिछले मंगलवार को भी डाक्टर के पास ईलाज करवाने के लिए आए थे, लेकिन यहां पर डाक्टरों की हड़ताल थी। उसके बाद जब भीड़ हुई तो शाम तक उनका चेपअप नहीं हो पाया। फिर घर लौटे। गुरुवार को फिर यहां पर ईलाज के लिए आए, लेकिन डाक्टरों की हड़ताल वैसी ही जारी थी।