देवताओं की हाजिरी, शिवरात्रि की पहचान, जयराम ठाकुर बोले, संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को मिले अधिमान

दिव्य हिमाचल ब्यूरो- मंडी
छोटी काशी मंडी का शिवरात्रि महोत्सव हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर है, जो देशभर में अपनी अलग पहचान बनाए हुए हंै। देवभूमि में देवी देवताओं के प्रति हमारी आस्था ही इस बात का प्रमाण है कि देवता हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं। सैकड़ों किलोमीटर दूर से देवलु देवताओं को कंधों पर उठाकर पैदल पहुंचाते हैं और सात दिन बाद फि र देवालय लौटते हैं। शिवरात्रि ही एक मात्र पर्व है जहां मंडी में एक वर्ष के बाद हमें एक ही जगह में 200 से अधिक देवताओं के दर्शन का सौभाग्य मिलता है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मोतीपुर स्थित चामुंडा मंदिर में ठहरे मंडी-कुल्लू सराज के चआराध्य देव अनंत बालूनाग के दर्शन करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमें आज खुशी है कि करीब डेढ़ सौ वर्षों के बाद प्रमुख देवता बालूनाग जी और आनी के प्रमुख देवता खुड्डी जहल भी 100 वर्षों बाद शिवरात्रि महोत्सव की शान बढ़ाने अपनी स्वेच्छा से आए हैं।

हालांकि प्रशासन ने इन्हें कोई विधिवत निमंत्रण नहीं दिया था लेकिन बावजूद इसके देवता अपनी मर्जी से यहां पहुंचे। मेले की पहचान ही देवताओं से है और हमारी कोशिश इस अमूल्य संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की होनी चाहिए। यहां उन्होंने देवलुओं से बातचीत की और रहने ठहरने की व्यवस्था बारे जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने संस्कृति सदन में ठहरे बालीचौकी सुनारू के देवता मार्कंडेय ऋ षि और अन्य देवरथों के दर्शन किए। बाद में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के साथ मेले की अंतिम जलेब में भी भाग लिया और राज माधवराय मंदिर में पूजा की। चौहटा से पैदल देवताओं के साथ शहर की परिक्रमा करते हुए भूतनाथ मंदिर तक साथ चले। यहां से फिर राज्यपाल के साथ पड्डल मेला मैदान तक गए। उनके साथ स्थानीय विधायक अनिल शर्मा, विधायक नाचन विनोद कुमार, बल्ह से इंद्र सिंह गांधी, बंजार से सुरेंद्र शौरी, दरंग से पूर्ण चंद, करसोग से दीप राज, विधायक धर्मपुर चंद्रशेखर, भाजपा प्रवक्ता अजय राणा और भाजपा जिलाध्यक्ष निहाल चंद शर्मा सहित अन्य गण्यमान्य उपस्थित रहे।