नशा मुक्त ऊना अभियान में पंचायतों के रुख पर एसडीएम सख्त

सौमिल गौतम ने अधिकारियों को दिए निर्देश , नशे की गिरफ्त पड़े युवकों का डाटा तैयार करने के ऑडर्र
स्टाफ रिपोर्टर-गगरेट
नशे के मकडज़ाल में फंसे युवाओं को नशे की दलदल से बाहर निकाल कर नशा मुक्त जिला बनाने की परिकल्पना लिए जिला प्रशासन द्वारा शुरू किए गए नशामुक्त ऊना अभियान को लेकर जिस प्रकार धरातल स्तर पर गैर जिम्मेदाराना रवैया दिखाया जा रहा है। उससे इस अभियान की सफलता पर भी सवालियां निशान लगने लगे हैं। लापरवाही का आलम यह है कि ग्राम पंचायतों से ग्राम पंचायत क्षेत्र में नशा मुक्त ऊना अभियान के साइन बोर्ड लगाने के दिए गए निर्देश के बावजूद पंचायतों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है तो ग्राम पंचायत स्तर पर गठित की गई विलेज टास्क फोर्स की भी नियमित बैठकें नहीं हो पा रही हैं। शुक्रवार को एसडीएम कार्यालय में हुई उपमंडल स्तरीय समिति की बैठक में एसडीएम सौमिल गौतम ने सभी अधिकारियों को इस अभियान को लेकर गंभीर रुख अपनाने के सख्त निर्देश दिए हैं। एसडीएम सौमिल गौतम ने उपमंडल के सरकारी अस्पतालों में नशे के मकडज़ाल में फंसे युवाओं की नियमित काउंसलिंग न होने पर भी कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि इस अभियान के धरातल पर रिजल्ट दिखने चाहिए।

तभी इस अभियान का फायदा है। अभियान का उद्देश्य डिमांड चेन को तोडऩा है और नशे की चपेट में फंस चुके युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाना है। उन्होंने स्कूल व कॉलेजों में भी रोजाना विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि स्कूलों में इस अभियान को लेकर तैनात किए गए शिक्षकों के साथ जल्द ही एक बैठक का आयोजन किया जाएगा। जिसमें शिक्षा उपनिदेशक की उपस्थिति भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने नशा मुक्त ऊना अभियान के तहत गगरेट में तैनात समन्वयक श्रुति को उन युवाओं का भी डाटा तैयार करने को कहा जो नशे की गिरफ्त में हैं। ऐसे युवाओं को सरकार द्वारा स्थापित परामर्श केंद्रों तक पहुंचाया जाएं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से भी अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों को हर हाल में नशे की गिरफ्त में फंसे युवाओं से परामर्श कर उन्हें इस दलदल से बाहर लाने के प्रयास करने को कहा।