तूफान की मार… पौधों से झड़ गए फूल

तूफान-बारिश ने बागबानों की उम्मीदों पर फेरा पानी

निजी संवाददाता – जवाली
जिला कांगड़ा के जवाली में तूफान व बारिश ने फलदार पौधों पर आई बौर को झाड़ डाला जिससे बागबान काफी हताश हैं। बागबानों की सालभर की मेहनत पर बारिश व तूफान ने पानी फेर दिया। आम, लीची, अमरूद, आड़ू, बादाम, नींबू, संतरे के फलदार पौधों पर इस बार काफी अच्छी बौर आई हुई थी, जिससे बागबानों की उम्मीद जगी थी कि पैदावार अच्छी होगी लेकिन बारिश व तूफान से फलदार पौधों की बौर झडऩे से बागबानों की उम्मीद भी झड़ गई। बागबानों ने कहा कि बैंकों से कर्ज लेकर बागीचों में दवाई का छिडक़ाव किया था। अब कर्ज भरना भी मुश्किल होगा। बागबानों का कहना है कि हर वर्ष मौसम की बेरुखी हमारे सपनों पर पानी फेर देती है। कुछ तो उत्पाती बंदरों ने फलदार पौधों को नुकसान पहुंचा देते हैं और रही-सही कसर को मौसम की बेरुखी पूरा कर डालती है।

इसी के चलते लगभग 60 प्रतिशत बागबानों ने बगीचे ही उखाड़ दिए हैं तथा यही हालत रही तो आने वाले समय में कहीं भी बगीचे दिखाई ही नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि हर सरकार सत्तासीन होने से पहले दावा करती है कि बंदरों के उत्पात से निजात दिलाई जाएगी लेकिन पांच साल सत्तासुख भोगने के बाद यह दावा मात्र दावों की फाइल में दबकर रह जाता है। उत्पाती बंदरों से निजात दिलाने के लिए आजतक कुछ भी नहीं किया गया है। बागबानों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि बागबानों की फसलों का मुआयना करवाकर उचित मुआवजा दिलाया जाए ताकि बैंकों का कर्ज भर सकें।

इन पंचायतों में बंदरों का कहर
विधानसभा क्षेत्र जवाली के अधीन ग्राम पंचायत घाडज़रोट, नगरोटा सूरियां, पनालथ, हरसर, कैहरियां, मरियाना, लाहडू, फारियां, चलवाड़ा-एक, चलवाड़ा-दो, समकेहड़, लुधियाड़, पलौहड़ा, नाणा, धेवा, नरगाला, मतलाहड़, भटनगर पंचायत जवाली में बंदरों की तादाद बढ़ती ही जा रही है।