नैनाटिक्कर की खस्ताहाल सडक़ें करेंगी नेताओं का स्वागत

18वें लोकसभा चुनावों में सिरमौर की खराब सडक़ें बनेगी नेताओं के रास्ते का रोड़ा
निजी संवाददाता- नैनाटिक्कर
18वें लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है तथा राजनेता भी अपनी-अपनी रणनीति चुनावों के लिए तैयार करने में जुट चुके हैं। शिमला संसदीय सीट से जहां भाजपा ने सुरेश कश्यप को एक बार पुन: मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस द्वारा अभी प्रत्याशी का नाम घोषित होना बाकी है। जिसकी चर्चा आए दिन शिमला संसदीय क्षेत्र में सुनने को मिल रही है। हालांकि इसके बावजूद दोनों ही मुख्य दल चुनावी प्रचार में जुट चुके हैं तथा वोटर को रिझाने में लगे हैं तथा पांच साल पूर्व किए वादे पुन: आम जनता को सुनने को मिल रहे हैं। गौर हो कि राष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ लोकसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे भी हावी रहते हैं। इसी के चलते शिमला संसदीय क्षेत्र की पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली नैनाटिक्कर-ढंगयार सडक़ इन लोकसभा चुनावों में नेताओं का इम्तिहान ले सकती है, क्योंकि दशकों से यह सडक़ बद से बदत्तर है तथा अपनी बदहाली पर स्वयं आंसू बहा रही है।

लेकिन आज तक इस सडक़ को पक्का करने की जहमत किसी भी राजनेता द्वारा नहीं उठाई गई है। जबकि यह नैनाटिक्कर-ढंगयार-महल प्रीतनगर सडक़ जो कि घिन्नीघाड़ तथा नैनाटिक्कर क्षेत्र की दर्जनों पंचायतों को नैनाटिक्कर-सोलन-राजगढ़ से जोड़ती है तो उधर पिंजौर चंडी मंदिर-पंचकूला तथा चंडीगढ़ जैसी एडवांस सिटी को जोडऩे का कार्य करती है, परंतु क्षेत्रवासियों की बदकिस्मती कहें या नेताओं की उदासीनता यह सडक़ दशकों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है तथा किसी भी राजनेता ने इसे पक्का करने की जहमत नहीं उठाई है, जबकि हर पांच साल बाद जैसे ही चुनाव आते हैं तो इस सडक़ को पक्का करने के वादे राजनेताओं द्वारा लगातार क्षेत्रवासियों को किए जाते हैं। बहरहाल क्षेत्र की यह महत्त्वपूर्ण सडक़ ज्यों की त्यों पड़ी है तथा इस 18वें लोकसभा चुनाव में विपरीत असर छोड़ सकती है।