कार पर गिरी पेड़ की टहनी, क्षतिग्रस्त

गगरेट में पेश आया हादसा, सडक़ किनारे खड़ी थी कार, गाड़ी छत हुई चकनाचूर

स्टाफ रिपोर्टर-गगरेट
चंद्रगुप्त मौर्य के कार्यकाल में देश में शुरू हुआ सडक़ निर्माण बेशक शेरशाह सूरी के कार्यकाल में पक्की सडक़ों के रूप में तबदील हुआ, लेकिन शेरशाह सूरी के समय यात्रियों के ठहराव के लिए सडक़ किनारे पौधे लगाने की व्यवस्था अब तक ऐसी चली कि अब सडक़ किनारे विशालकाय पेड़ वाहनचालकों के लिए भी परेशानी का सबब बने हुए हैं। दुर्घटनाओं का सबब बन रहे इन पेड़ों की छंटाई करने का मामला इतना बड़ा मुद्दा बना कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल तक पहुंच गया। जिसके बाद अब कोई भी विभाग इन्हें हाथ लगाने से भी परहेज कर रहा है तो सडक़ किनारे लगे पेड़ लगातार दुर्घटनाओं का सबब बन रहे हैं।

गुरुवार को गगरेट कस्बे के दौलतपुर चौक रोड़ पर सिविल अस्पताल के समीप सडक़ किनारे खड़ी एक कार पर आम के पेड़ की एक बड़ी शाखा अचानक टूट कर गिर गई। गनीमत यह रही कि इस दुर्घटना में कोई हताहत नहीं हुआ अलबत्ता गाड़ी की छत चकनाचूर हो गई। गाड़ी के मालिक की दुविधा यह है कि वह इसका दोष किस पर मढ़े। पहले भी गगरेट-गुगलैहड़ रोड पर दुर्घटनाओं का सबब बने सडक़ किनारे लगे पेड़ों के चलते दुर्घटनाएं रोकने के उद्देश्य से ही सडक़ किनारे लगे पेड़ों की लापिंग किसी ने करवाने की सोची तो कुछ बुद्धिजीवियों ने पर्यावरण से छेड़छाड़ की आड़ में इसे ऐसा मुद्दा बनाया कि संबंधित महकमे के मंत्री सहित उच्च अधिकारियों तक इसकी चुगली करने के साथ इस मामले को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल तक उठा दिया। बेशक अब यह मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से निरस्त हो चुका है।