पूर्णम मॉल में धूमधाम से मनाया बसोआ पर्व

निजी संवाददाता-चांदपुर
वरिष्ठ साहित्यकार एवं कहलूर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक परिषद के संयोजक कुलदीप चंदेल व सहयोगियों के प्रयासों से पूर्णम मॉल में बसोआ पर्व धूमधाम से मनाया गया। बिलासपुर जिला ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में यह पहला कार्यक्रम रहा, जिसमें लोगों ने बढ़-चढक़र भाग लिया। उल्लेखनीय है कि प्राचीन परंपरा के अनुसार बिलासपुर में उन बेटियों को बसोआ यानि बैसाखी पर्व पर विशेष तौर पर बुलाया जाता था, जिनकी शादी हो चुकी होती थी। ऐसे में इस पर्व को धियां यानि बेटियों का पर्व भी कहा जाता है। मायके आने के लिए उत्साहित एवं उमंग से लबरेज बेटियों की खुशी देखते ही बनती थी। इसी परंपरा की बानगी पूर्णम मॉल के सभागार में देखी गई। खास बात यह रही कि इस पर्व को मनाने के लिए सोशिल मीडिया का प्रयोग किया गया।

जिसमें स्वेच्छा से हिमाचल, पंजाब, दिल्ली व चंडीगढ़ राज्यों से करीब 12 बेटियों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की। जिनमें मोना शर्मा, शीला पठानियां, डा. देवकला शर्मा, डा. नेहा ठाकुर, शिल्पा शर्मा, रचना तलवार, शक्ति मल्होत्रा, अनिता बंसल, रूचिका व मधु आदि शामिल रहीं। आयोजकों द्वारा कहलूर की इन बेटियों को शॉल, टोपी, नए बिलासपुर की तस्वीर, बडिय़ां, उपहार, मिष्ठान व सुहागी आदर सहित भेंट की गई। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूर्णम मॉल के मालिक अजय हांडा ने काफी सहयोग किया। पूर्णम मॉल के सभागार में यह कार्यक्रम करीब तीन घंटे चला। इस कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में अजय हांडा, इंद्र डोगरा, प्रीति चंदेल, सुकुमार, रोशन ठाकुर शामिल रहे। कार्यक्रम को और बेहतरीन बनाने के लिए कवियों, कलाकारों और साहित्यकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां देकर यादगार बनाया। सर्वप्रथम जीत राम सुमन ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। संयोजक कुलदीप चंदेल ने बसोआ पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला, जबकि युवा कवि अनीश ठाकुर ने बेटियों पर कविता सुनाकर वाहवाही लूटी।