गेहूं कटाने के मनमाने दाम मांगने पर किसानों-मजदूरों में हुई झड़प

किसानों के आरोप मजदूर फसल कटाई के लिए ले रहे 900 रुपए दिहाड़ी

नगर संवाददाता-ऊना
जिला ऊना में गेंहू की फसल कटाई इन दिनों जोरों-शोरों से चल रही है। लेकिन इस बार फसल कटाई के लिए मजदूरी के बढ़े रेट ने किसानों की कमर तोडक़र रख दी है। मजदूर किसानों से मनमाने दाम वसूल रहे है। बुधवार को इसी बात को लेकर ऊना मुख्यालय स्थित एमसी पार्क के बाहर किसानों व मजदूरों में बहसबाजी हो गई। दरअसल किसान गेंहू की फसल कटाई के लिए मजदूरों को लेने आए थे, लेकिन मजदूर किसानों से 800 से 900 दिहाड़ी मांग रहे थे। जबकि ठेका करने पर 1200 से 1500 रुपए प्रति कनाल के हिसाब से पैसे मांग रहे थे। भारी भरकम रेट सुनकर किसानों ने मजदूरों से कम रेट करने को कहा, लेकिन वह मान ही नहीं रहे थे। जिस पर किसानों व मजदूरों में जमकर हंगागा हुआ। गुस्साएं किसानों ने चौक पर से मजदूरों को भगा दिया। इसके उपरांत किसान इक्कठे होकर उपायुक्त कार्यालय जा पहुंचे, जहां किसानों ने उपायुक्त ऊना से गुहार लगाई कि फसल कटाई के मजदूरी के दाम तय किए जाएं। कसानों हरविंद्र लक्की, सुरेंद्र कुमार, रविंद्र कुमार, जसवीर सिंह, विकास कुमार, सुरेश कुमार आदि ने बताया कि वह पहले ही प्राकृतिक आपदा की मार झेल चुके है। वहीं इसके बाद रही सही कसर बेसहारा पशुओं ने निकाल दी। अब जब फसल पककर तैयार हुई तो मजदूरों के दाम आसमां छू रहे है।

मजूदर फसल कटाई के लिए मनमर्जी के दाम वसूल रहे है। उन्होंने कहा कि 800 रुपए से लेकर 900 रुपए तक दिहाड़ी ली जा रही है। वहीं ठेके के रुप में 1200 से 1500 रुपए तक प्रति कनाल पैसे ले रहे है। किसानों ने कहा कि फसल कटाई शुरु होते ही मजदूरों की दिहाड़ी अचानक डबल से भी अधिक हो जाती है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को किसानों द्वारा दो समय चाय, खाना, खेत तक लेकर जाना व वापिस पहुंचाना काफी महंंगा साबित हो रहा है। वहीं इनके द्वारा मोटी दिहाड़ी की मांग की जा रही है। किसानों ने कहा इतनी ज्यादा दिहाड़ी देना उनके बस की बात नहीं रह गई है। बड़े किसान तो ज्यादा दिहाड़ी दे देते है, लेकिन छोटे किसान इसमें पिस जाते है। उन्होंने जिला प्रशासन से इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित कदम उठाने की मांग की है। किसानों ने कहा कि फसल कटाई के लिए दिहाड़ी मजदूरी तय की जाए। ताकि किसानों की कड़ी मेहनत को बर्बाद होने से बचाया जा सके। किसानों ने कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो एक किसान फसल की बिजाई करना ही छोड़ देंगे। उधर, उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि किसानों की समस्या सुनी गई है।