15 दिन में टैक्स जमा करो, दस प्रतिशत की छूट पाओ

नगर निगम ने 2500 से अधिक लोगों को घोषित किया डिफाल्टर, सालों से अटका है टैक्स

सिटी रिपोर्टर—शिमला
नगर निगम शिमला के लिए प्रॉपर्टी टैक्स एकत्र करना सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है, क्योंकि नगर निगम का इनकम का सबसे बड़ सोर्स भी प्रॉपर्टी टैक्स है। नगर निगम का सबसे ज्यादा पैसा भी प्रॉपर्टी टैक्स में ही फंसा पड़ा है। यानी नगर निगम के हजारों प्रॉपर्टी टैक्स उपभोक्ता, ऐसे में जिन्होंने सालों से टैक्स ही जमा नहीं किया है। उसमें सरकारी इमारतें भी शामिल हैं। नगर निगम ने ऐसे मरीब 2500 से अधिक लोगों को डिफाल्टर भी घोषित कर दिया है और उन्हें नोटिस पर नोटिस भी दिए जा रहे हैं। बावजूद इसके भी यह डिफाल्टर टैक्स नहीं देते हैं। ऐसे में नगर निगम ने भी शहरवासियों के लिए एक प्रलोभना रखा है कि जो व्यक्ति 15 दिन में टैक्स जमा करवा देता है, उसे दस प्रतिशत तक की छूट दी जाती है। इस प्रलोभन के चक्र में छोटे भवन मालिक समय पर टैक्स जमा कर देते हैं, लेकिन रसूखदार तो इस प्रलोभन को ही अनदेखा कर देते हैं और जब उनकी मर्ज होती है, वह तभी टैक्स जमा करते हैं। या फिर कई साल टैक्स ही जमा नहीं करते हैं। ऐसे में अब नगर निगम ने नया प्लान तैयार कर दिया है कि जो भी डिफाल्टर होंगे, उन्हें इस प्रकार की छूट नहीं दी जागी।

शिमला में करीब 2500 भवन मालिकों को इस बार प्रॉपर्टी टैक्स के एकमुश्त भुगतान पर 10 फीसदी छूट नहीं मिलेगी। नगर निगम के अनुसार इन भवन मालिकों ने अभी तक पिछले सालों का टैक्स जमा नहीं करवाया है। ऐसे में इन्हें कोई छूट नहीं मिलेगी। शिमला शहर में कुल 31,683 भवन मालिक हैं, जिनसे नगर निगम हर साल प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली करता है। अप्रैल से भवन मालिकों को टैक्स के बिल जारी करने की प्रक्रिया शुरू होती है। बिल जारी होने के 15 दिन के भीतर टैक्स का एकमुश्त भुगतान करने पर भवन मालिकों को दस फीसदी छूट दी जाती है। यह डिस्काउंट उन्हीं लोगों को मिलता है, जो हर साल तय समयावधि में टैक्स का भुगतान करते हैं। इस बार करीब 2500 भवन मालिक ऐसे हैं, जिन्होंने टैक्स का भुगतान नहीं किया है।

डिफाल्टरों को प्रॉपर्टी टैक्स के साथ लगेगी पेनल्टी
नगर निगम शिमला जहां एक ओर भवन मालिकों को छूट दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जो डिफाल्टर हैं, उन पर पेनल्टी लगाई जा रही है। डिफाल्टों को टैक्स के अलावा हर माह एक फीसदी ब्याज भी बिल राशि में जुड़ती जाती है। नगर निगम के अनुसार टैक्स डिफाल्टरों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं और बिजली पानी सीवरेज लाइन काटने को भी कहा है। अब तक नगर निगम 50 से ज्यादा भवन मालिकों के बिजली और पानी काटने के निर्देश जारी कर चुका है, लेकिन अभी तक धरातल पर निगम ने कोई कार्य ऐसा शुरू नहीं किया है।