दियोटसिद्ध-शाहतलाई रोप-वे का सपना अधूरा

कई सालो से की जा रही घोषणाए; मंदिर को जोडऩे वाले सडक़ मार्ग की हालत भी खस्ता

निजी संवाददाता-बड़सर
हर वर्ष करोड़ों रुपए का चढ़ावा होने के बावजूद भी बाबा बालक नाथ प्रबंधन व राजनीतिक जमात विकास के नाम पर श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को लगातार लॉलीपॉप दिए जा रही है। बात चाहे शाहतलाई-दियोटसिद्ध रोप-वे की हो या फिर मंदिर को जाने वाले सडक़ मार्गों की कई दशकों से स्थिति जस की तस बनी हुई है। इसके अलावा बैरियर नंबर वन से लेकर गेट नंबर एक तक की पहाड़ी को आज दिन तक बाईंड अप या फिर रिटर्निंग बाल नहीं लग पाई है। बता दें कि धार्मिक स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए रोप-वे की योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है। उत्तर भारत के सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर की बात की जाए तो लाखों लोगों की आस्था इस मंदिर के साथ जुड़ी है और हर साल कई करोड़ों रुपए का चढ़ावा भी चढ़ता है। उसके बाद भी न्यास प्रबंधन की कुछ योजनाएं सिरे नहीं चढ़ पा रही हैं। बात चाहे साथ लगते दोनों धार्मिक स्थलों शाहतलाई -दियोटसिद्ध को रोप-वे से जोडऩे की हो या फिर बैरियर नंबर वन से लेकर गेट नंबर एक तक की पहाड़ी को रिटेनिंग बाल लगाने का कार्य हो वह आज दिन तक पूरा नहीं हो पाया है।

हालांकि रोप-वे को जोडऩे के लिए प्रदेश डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर अथॉरिटी द्वारा सर्वे किया गया था लेकिन वह भी सिरे नहीं चढ़ पाया। समय-समय पर मांग भी उठती रही है कि बाबा की नगरी को पर्यटन स्थल की दृष्टि से विकसित किया जाए। वर्तमान में हालात यह हैं कि आज भी बाबा आजम के जमाने की सडक़ कनेक्टिविटी से ही मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। सलौनी-दियोटसिद्ध सडक़ मार्ग इतना संकरा है कि श्रद्धालुओं को 20 किलोमीटर का फैसला तय करने में नाकों चने चबाने पड़ते हैं। विकास के बड़े बड़े दावे करने वाले राजनेता अभी तक कोरी घोषणाओं के अलावा कुछ नहीं कर पाए हैं। श्रद्धालुओं व आम लोगों का कहना है कि अगर बाबा की नगरी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए तथा सडक़ को डबल लेन किया जाए, जो कि स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ-साथ क्षेत्र में विकास को भी पंख लग सकते हैं। जानकारी के अनुसार मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए अधिकारियों द्वारा एशियन डेवलपमेंट बैंक की सहायता से 65 करोड रुपए की योजना पर कार्य किए जाने की बात कही जाती रही है। इसके अलावा कांग्रेस व भाजपा सरकारों के दौरान रोपवे की योजना पर कार्य करने की कई घोषणाएं की जा चुकी हैं।