मां भीमाकाली-मां शराइकोटी के दर लगा भक्तों का मेला

राम नवमी पर लोगों ने शीश नवाकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की मांगी मनोकामना

स्टाफ रिपोर्टर—रामपुर बुशहर
इस क्षेत्र में नवरात्र त्योहार धूमधाम से संपन्न हुआ। इस दौरान रामपुर क्षेत्र के विभिन्न माता मंदिरों, जिसमें ऐतिहासिक एवं प्रसिद्ध शक्तिपीठ सराहन में मां भीमाकाली के मंदिर और शराइकोटी माता के मंदिर में भी नवरात्र की धूम रही। इस दौरान हजारों लोगों ने माता के चरण में माथा टेककर अपने और अपने परिवार की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया। बुधवार को रामनवमी के अवसर पर मंदिरों में भंडारों का आयोजन भी किया गया, जिसमें रामपुर के प्रसिद्ध महिषासुर मर्दिनी महालक्ष्मी मंदिर खोपड़ी रामपुर के मंदिर परिसर में मंदिर की स्थापना दिवस के अवसर पर विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। इस मौके पर हजारों लोगों ने माता के मंदिर में शीश निभाकर माता का आशीर्वाद लिया और भंडारे का आनंद लिया। बताते चलें कि आज से लगभग 5 दशक पूर्व इस स्थान पर राष्ट्रीय उच्च मार्ग-22 को अब 05 कहा जाते है परंतु अकसर वाहन दुर्घटनाएं होती थी, जिसमें कई लोगों की जानें भी जाती थी। यहां पर माता महिषासुर मर्दनी मां के मंदिर की स्थापना होने के बाद माता की ऐसी कृपा रही कि उसके बाद आज तक इस स्थान पर कोई भी दुर्घटना नहीं हुई है।

गलत दोनों मंदिर के साथ पहाड़ी से भारी हुआ है हुआ है, परंतु किसी को भी छोटे नहीं आई। गौर हो कि एक नेपाली मूल के एक व्यक्ति ने रामपुर के निकट खोपड़ी मेँ माता का एक छोटा सा मंदिर बनाया था, जिसमें वह खुद पूजा-अर्चना करता था। धीरे-धीरे यहां पर भक्तों का पूजा-अर्चना करने के लिए आना शुरू हुआ। बाद में यह मंदिर खोपड़ी ढानक में ले जाया गया। मंदिर के संचालन के लिए कमेटी का भी गठन किया गया। आज इस जगह पर भव्य मंदिर की भवन बन गया। यह स्थान श्रद्धा और रामपुर का प्रवेश स्थल बन गया है। मंदिर कमेटी के प्रधान पवन आनंद ने बताया कि कि मंदिर मेँ धूम धाम से नवरात्र के नौ दिनों के आयोजन के बाद मंगलवार की रात्रि को मंदिर में विशाल जागरण का आयोजन भी किया गया, जिसमें स्थानीय भजन मंडली ने भजन गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया।