20 अप्रैल तक मनाया जाएगा अग्रिशमन सेवा सप्ताह

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने किया अग्निशमन सेवा सप्ताह का शुभारंभ, शहीदों को किया नमन
सिटी रिपोर्टर—शिमला
अग्निशमन सेवा सप्ताह देश भर में प्रति वर्ष 14 से 20 अप्रैल तक मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय प्रसंग है। अग्निसुरक्षा सुनिश्चित करें, राष्ट्रीय निर्माण में योगदान दें इस अग्निशमन सेवा सप्ताह का शुभारंभ माननीय उपायुक्त अनुपम कश्यप द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि देकर किया गया। इस मौके पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी, संजीव कुमार, स्थानीय अग्निशमन अधिकारी, मनसा राम, उप अग्निशमन अधिकारी भी भगत राम, उप अग्निशमन अधिकारी गोपाल दास, उप-अग्निशमन अधिकारी मनसा राम, उप अग्निशमन अधिकारी सत्य प्रकाश तथा उप अग्निशमन अधिकारी जगदीश राज के अलावा
शिमला शहर से स्थित

अग्निशमन केंद्रों के कर्मचारी भी उपस्थित रहे। अग्निशमन सेवा सप्ताह के दौरान प्राथमिक अग्निशमन उपकरणों का चलाने तथा अग्नि से सुरक्षा व बचाव इत्यादि से सम्बन्धित जानकारी वारे सार्वजनिक स्थलों, औद्योगिक क्षेत्रों, शैक्षिक संस्थानों, सरकारी/गैर सरकारी कार्यालयों तथा स्थानीय निकायों इत्यादि में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण इत्यादि आयोजित किये जाएगे। इन अग्निशमन कर्मियों की कुर्बानी को देखते हुए मुंबई अग्निशमन मुख्यालय बायकुला में शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए एक स्मृति स्तंभ का निमार्ण करवाया है। इस दिवस को प्रदेश के साथ साथ पूरे भारत वर्ष में 14 अप्रैल से 20 अप्रैल तक अग्निशमन सप्ताह के रूप में मनाया जाता है।

अग्निशमन कर्मियों की कुर्बानियों से हिमाचल प्रदेश भी अछूता नहीं रहा है जून माह वर्ष 2009 में, मैसर्ज एडवॉन्टिक उद्योग, नालागढ़, जिला सोलन में हुए भीषण अग्निकांड में 9 व्यक्तियों की मृत्यु हुई, जिसमें 02 अग्निशमन सेवा विभाग के कर्मियों की शहादत भी शामिल है। इस वर्ष अग्निशमन सप्ताह ‘अग्नि सुरक्षा सुनिश्चित करें, राष्ट्रीय निर्माण में योगदान दें’ संकल्प के साथ मनाया जा रहा है। प्रदेश के सभी जिलों के अग्निशमन सप्ताह के दौरान हिमाचल प्रदेश अग्निशमन विभाग के समस्त अग्निशमन इकाइयों में तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा विभिन्न सार्वजनिक स्थलों, औद्योगिक क्षेत्रों, शैक्षिक संस्थानों, सरकारी/गैर सरकारी कार्यालयों तथा स्थानीय निकायों इत्यादि में अग्नि सुरक्षा से सम्बन्धित जानकारी देगें, ताकि अग्नि दुर्घटना से होने वाले जान व माल के नुकसान को कम किया जा सके।