भूस्खलन की जद में फोरलेन, एनएचएआई को चपत

रामशिला देवधार के पास बारिश के कारण गिरी दीवार; मलबा सडक़ पर गिरने के कारण एक लेन से गुजरी गाडिय़ां, जोखिम भरा हुआ सफर

कार्यालय संवाददाता-कुल्लू
जिला मुख्यालय कुल्लू के वामतट पर रामशिला देवधार के पास भूस्खलन की जद में फोरलेन आ गया है। अब यहां पर लगातार भूस्खलन होने से खतरा बना हुआ है। हालांकि भूस्खलन होने से जरूर एनएचएआई को भी नुकसान हुआ है। लेकिन अभी तक इसको कैसे रोका जाए, कोई सल्युशन नहीं निकल पाया है। बीते दो दिनों में हुई झमाझम बारिश से और ज्यादा मलबा फोरलेन पर आ गिरा है। यहां पर जो दीवार भूस्खलन को रोकने के लिए लगाई गई थी, वह भी भूस्खलन होने से फोरलेन पर गिर गई है। दीवार के ऊपर जो क्रेटबाल दी गई थी उसका भी कुछ हिस्सा फोरलेन पर गिरा हुआ है। जबकि कुछ हिस्सा ढहने की कगार पर है। वहीं, ढेर सारा मलबा फोरलेन पर आने से यहां पर वाहनों की आवाजाही भी एक तरफ रूक गई है।

यही नहीं यदि जल्द यहां के भूस्खलन को रोकने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाए तो मलबा फोरलेन की दूसरी साइड को भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। यही नहीं वाहनों के लिए भी यहां पर जोखिम की स्थिति बनती जा रही है। बता दें कि इसी फोरलेन से मनाली के लिए गाडिय़ां जाता हैं। इन दिनों भी काफी संख्या में पर्यटक वाहन भी यहीं से होकर गुजरते हैं। जिला कुल्लू के लोग भी इसी सडक़ से होकर वाहनों और बसों में सफर करते हैं। जहां पर यह भूस्खलन हो रहा है कि उसके ठीक पीछे भी घर हैं। यदि लगातार भूस्खलन होता रहा तो काफी ज्यादा दिक्कत यहां स्थानीय लोगों को भी हो सकती है। हैरानी की बात यह है कि जुलाई 2023 में आई भयंकर आपदा के दौरान यहां पर फोरलेन की दीवारें ढह गई थी। भूस्खलन से दीवार को गिराकर फोरलेन को भी समेट दिया है। इतने महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक इसका हल नहीं निकलना कहीं न कहीं एनएचएआई की लापरवाही को भी दर्शाता है।

भूस्खलन को रोकने के लिए उचित कदम उठाएं
खराहल घाटी से संबंध रखने वाले डावे राम, करतार, चुन्नी लाल, दुन्नी चंद का कहना है कि बीते दो दिन की बारिश से यहां पर और भूस्खलन हुआ है। एनएचएआई और प्रशासन से आग्रह है कि जल्द से जल्द इस भूस्खलन को रोकने के प्लान को धरातल पर उतारा जाए, ताकि यहां पर कोई बड़ा नुकसान न हो सके।

टेक्निकल टीम ने किया निरीक्षण, 70 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान
एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला ने कहा कि देवधार के पास फोरेलन में हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए आईआईटी रोपड़ और आईआईटी रूडक़ी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) और एक जापान की टेक्रिकल टीम ने निरीक्षण किया है। एनएचएआई ने टेक्निकल टीमों से भूस्खलन को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की सिफारिश की है। जानकारी के अनुसार इस प्रभावित क्षेत्र को दुरुस्त करने 70 करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है। टेक्निकल टीमों ने भी एनएचएआई को यह अनुमान दिया है।